कुणाल सरावगी
सीईओ, इक्विटीरश
मेरा मानना है कि भारतीय शेयर बाजार (stock market) में अभी केवल एक सुधार (करेक्शन) की प्रक्रिया चल रही है, तेजी की चाल पलट नहीं गयी है।
भारतीय बाजार ही नहीं, दुनिया भर के बाजार बढ़े हुए थे। अभी जो गिरावट आयी है, वह प्रतिशत के रूप में कुछ खास नहीं है। हालाँकि यह गिरावट जिस तीव्रता से आयी, उसकी वजह से जरूर कुछ लोगों को ऐसा लग रहा है कि बाजार की दिशा बदल गयी है।
लेकिन चार्ट पर ऐसे संकेत नहीं हैं कि यहाँ से रुझान बदल जायेगा। चार्ट पर अगर लंबी अवधि या मध्यम अवधि का रुझान देखें तो उसमें ऊँची तलहटियों (हायर बॉटम) की श्रृंखला अभी भी बनी हुई है। निफ्टी इस समय सभी दीर्घावधि औसतों (मूविंग एवरेज) के ऊपर ही चल रहा है। इसलिए अभी इसे बाजार का वापस पलटना मान लेना जल्दबाजी होगी। मुझे लगता है कि बाजार की यह गिरावट बहुत छोटी अवधि के लिए रहेगा और उसके बाद फिर से ऊपर की चाल बनती हुई दिखाई देगी।
बेशक निफ्टी अभी दैनिक चार्ट पर 50 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) के नीचे चल रहा है। लेकिन लंबी और मध्यम अवधि के रुझान को देखने के लिए 200 एसएमए ज्यादा प्रभावी होता है और निफ्टी उससे काफी ऊपर चल रहा है। अगर निफ्टी 10,100 के नीचे जाता है और नीचे ही टिकता है, यानी साप्ताहिक बंद स्तर इसके नीचे का आया, तब हम कहेंगे कि निफ्टी ने एक महत्वपूर्ण स्तर तोड़ दिया है। वैसी स्थिति में सावधानी रखनी चाहिए, खास कर ज्यादा उतार-चढ़ाव वाले शेयरों में।
वहीं ऊपर की ओर 10,650 का स्तर महत्वपूर्ण है, जहाँ पिछले हफ्ते का उच्च स्तर बना था। इसके पार होने पर एक बार वापस उछाल (पुलबैक) आने की संभावना बढ़ जायेगी। वहीं अगर 10,800 पार हुआ तो हम नये उच्चतम स्तर की ओर बढ़ेंगे। (Kunal Saraogi, CEO, Equity Rush)
(शेयर मंथन, 11 फरवरी 2018)
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