शेयर मंथन में खोजें

अब सरकार की बातों पर नहीं, काम पर नजर : विजय चोपड़ा (Vijay Chopra)

अब सरकार की बातें नहीं, उसका काम महत्वपूर्ण है।

सारा विश्व इस सरकार की ओर देख रहा है। इसे भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ कर भारत की कारोबारी संभावनाओं को बेहतर बनाना है। इसके लिए सरकार को बुनियादी स्तर पर बदलाव करने होंगे और उद्योग जगत का आत्मविश्वास बढ़ाना होगा। लोगों का उत्साह बढ़ा हुआ है और उम्मीदों के दम पर बाजार एक तेजी पहले ही आ चुकी है। खुदरा क्षेत्र की कहानी अभी कायम है। भारत के पास उपभोक्ताओं का बड़ा आधार है और खपत से संबंधित क्षेत्रों में स्थिर ढंग से बढ़त आती रही है।

अब बाजार में खुदरा निवेशकों के भी फिर से आने की उम्मीदें हैं। सरकार विनिवेश करने और ऋण घटाने के लिए तैयार दिखती है। इससे लगता है कि वह अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जरूरी कदम उठायेगी। डॉलर और रुपये का समीकरण भी अनुकूल है और चालू खाते का घाटा (सीएडी) नियंत्रण में है। लेकिन दूसरी ओर ऊँचा ऋण, कम नकदी, भ्रष्टाचार, घरेलू निवेशकों का कमजोर आत्मविश्वास, एफडीआई पर नयी सरकार का रुख, सरकारी बैंकों की खस्ता हालत, ऋणों का डूबना, मानसून, शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की कम सहभागिता, घटता निर्यात और बुनियादी ढाँचा, बिजली, कैपिटल गुड्स जैसे क्षेत्रों का भारी ऋण के बोझ से दबा होना प्रमुख समस्याएँ हैं। इन सबके बीच मध्य-पूर्व का संकट गहराना भी एक बड़ी चिंता है। विजय चोपड़ा, बाजार विश्लेषक (Vijay Chopra, Market Analyst) 

(शेयर मंथन, 08 जुलाई 2014)

Add comment

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"