सिद्धार्थ रस्तोगी,
एमडी एवं सीओओ, ऐंबिट एसेट मैनेजमेंट
साल 2023 के शुरुआती 6-8 महीने भारतीय शेयर बाजार के लिए मुश्किल भरे होंगे। उसके बाद बाजार में तेजी लौटेगी और उतार-चढ़ाव कम होगा। सेंसेक्स 2026-27 तक 1,00,000 के स्तर पर पहुँचेगा।
भारतीय बाजार के लिए बजट 2023 कितना अहम रहेगा, यह बजट में घोषित होने वाले प्रावधानों पर निर्भर करता है। बजट से भारतीय बाजार को मिलने वाली दिशा व्यक्तिगत आय कर और पूँजीगत लाभ संबंधी प्रावधानों पर निर्भर करेगा। यह उद्योग जगत के लिए एक अनुकूल बजट होगा, जो बुनियादा ढाँचा क्षेत्र को बढ़ावा देगा। अगले छह महीनों में भारतीय बाजार को प्रभावित करने वाले विदेशी कारकों में सबसे प्रमुख हैं ब्याज दरों पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का नजरिया, परमाणविक घटना और रूस-यूक्रेन युद्ध में नाटो देशों का प्रवेश।
भारतीय शेयर बाजार के लिए अभी सबसे सकारात्मक पहलुओं में शामिल हैं घरेलू माँग, बढ़ती ब्याज दरों के बावजूद ऋण माँग में वृद्धि (क्रेडिट ग्रोथ), स्थिर राजनीतिक परिदृश्य, नीति निर्माण में निरंतरता, घरेलू खुदरा निवेश प्रवाह और बहुत हद तक वैश्विक माहौल से भारतीय बाजार का अलग रहना। वहीं सबसे बड़ी चिंताओं में महँगा मूल्यांकन, वैश्विक भूराजनीतिक घटनाएँ और अमेरिका में मुद्रास्फीति में नरमी नहीं आने पर फेडरल रिजर्व की सख्त रुख जारी रहना शामिल हैं।
(शेयर मंथन, 11 जनवरी 2023)