भारतीय शेयर बाजार में सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव नजर आ सकता है।
मुझे छोटी अवधि में निफ्टी (Nifty) 6300 के ऊपर जाता नहीं दिख रहा है। आने वाले समय में वैश्विक शेयर बाजारों की चाल का असर घरेलू बाजार पर देखने को मिल सकता है। अमेरिका में बांड खरीद कार्यक्रम को धीमा होने की खबर का असर बाजार दिखेगा। इसके अलावा अगर नकदी (लिक्विडिटी) के प्रवाह में कमी आती है, तो इसका सीधा प्रभाव बाजार पर पड़ेगा। मेरा कहना है आज एसबीआई के नतीजों की घोषणा होने वाली है। अगर एसबीआई के एनपीए स्ट्रक्चर और रिस्ट्रक्चर्ड एसेट में कमी आती है, तो यह बाजार और एसबीआई के लिए अच्छी खबर होगी।
क्षेत्रों के लिहाज से आईटी, दवा, एफएमसीजी और ऑटो ठीक लग रहे हैं। लंबी अवधि के नजरिये के हिसाब से मारुति सुजुकी, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, ऑयल इंडिया, कोल इंडिया और अपोलो हॉस्पिटल के शेयरों में निवेश कर सकते हैं। (इनमें विश्लेषक या उनके ग्राहकों के हित जुड़े हो सकते हैं।) के के मित्तल, पीएमएस प्रमुख, ग्लोब कैपिटल (K K Mital, Head - PMS, Globe Capital)
(शेयर मंथन, 23 मई 2013)
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