भारतीय शेयर बाजार अभी एक सीमित दायरे में नजर आ रहा है और आने वाले समय में निफ्टी (Nifty) 6100 तक जा सकता है।
आरबीआई द्वारा मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) दर में कटौती करने और सितंबर महीने में व्यापार घाटा घटने से घरेलू बाजार को बल मिला है। मेरा कहना है कि अब घरेलू बाजार की नजर कंपनियों के तिमाही नतीजों पर लग गयी है। कल इन्फोसिस के नतीजे आने वाले हैं। इन्फोसिस अपने तिमाही नतीजों में अगली तिमाही के बारे में किस तरह के अनुमान सामने रखती हैं। इस पर बाजार की दृष्टि लगी हुई है। हालाँकि मेरा मानना है कि इन्फोसिस के नतीजे सकारात्मक रह सकते हैं और कंपनी अच्छे अनुमान भी पेश कर सकती है।
क्षेत्रों के लिहाज से धातु और आईटी ठीक लग रहे हैं, जबकि इन्फ्रा, पावर और रियल्टी कमजोर नजर आ रहे हैं। निवेशकों को मेरी सलाह है कि लंबी अवधि के नजरिये के हिसाब से महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, एस्कॉर्ट, टाटा स्टील, सेसा गोवा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ऑयल इंडिया, कैर्न इंडिया और ओएनजीसी के शेयरों में निवेश कर सकते हैं। (इनमें विश्लेषक या उनके ग्राहकों के हित जुड़े हो सकते हैं।) के के मित्तल, पीएमएस प्रमुख, ग्लोब कैपिटल (K K Mital, Head - PMS, Globe Capital)
(शेयर मंथन, 10 अक्टूबर 2013)
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