संजीव अग्रवाल, निदेशक, डायनामिक्स रिसर्च
मुझे बाजार के इन स्तरों से ज्यादा बढ़त की गुंजाइश नहीं दिख रही है।
बाजार या तो इन स्तरों से ही फिसल जायेगा, या कुछ समय तक इन्हीं स्तरों के आसपास रहने के बाद फिसलेगा। हो सकता है कि छोटी अवधि में तेजी के मौजूदा रुझान के साथ यह 5200 तक चला जाये। फिलहाल ऐसा दिख रहा है कि विश्व बाजार भी अभी गिरने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन तकनीकी संरचना नकारात्मक लग रही है।
छोटी अवधि का रुझान बताना भी मुश्किल है, लेकिन मध्यम अवधि में (अगले 3-6 महीनों में) भारतीय शेयर बाजार अपने शिखर से 20-35% तक की गिरावट झेल सकते हैं। यह शिखर हाल का 5180 का स्तर भी हो सकता है या फिर अगर मौजूदा तेजी में यह इसके आगे जा सका तो जो नया शिखर बनेगा, वहाँ से इतनी गिरावट दिखती है।
बाजार की कमजोरी में सबसे ज्यादा चोट रियल एस्टेट शेयरों पर होगी, जबकि सबसे कम गिरावट रक्षात्मक क्षेत्रों, जैसे दवा और एफएमसीजी में आयेगी। फिलहाल जो तेजी चल रही है, उसमें बैंकिंग और आईटी क्षेत्र मजबूत दिख रहे हैं। बाजार गिरने पर भी जरूरी नहीं है कि आईटी क्षेत्र कमजोर हो, क्योंकि कुछ समय से इसकी चाल बाजार से अलग हो गयी है। (शेयर मंथन, 24 नवंबर 2009)
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