चंदा कोचर
एमडी एवं सीईओ, आईसीआईसीआई बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति (monetary policy) में ब्याज दरों को स्थिर रखा है, मगर महँगाई दर के पूर्वानुमान को बढ़ाया है।
यह बात सुखद है कि देश के केंद्रीय बैंक ने निवेश, निर्यात में सुधार, बड़े कर्जदारों के लिए संपदा समाधान (यानी एनपीए निपटारे) और ऋण की माँग में वृद्धि जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर विकास दर के बारे में एक सकारात्मक नजरिया सामने रखा है। सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसएमई) के लिए प्राथमिकता क्षेत्र की ऊपरी सीमा हटाये जाने से इस क्षेत्र के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
अनिवासी भारतीयों को मुद्रा (करेंसी) और ब्याज दरों की हेजिंग करने के लिए दिया गया लचीलापन एक सकारात्मक कदम है, जो भारतीय बाजार की गहराई को बढ़ायेगा। (शेयर मंथन, 07 फरवरी 2018)
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