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मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services Ltd) में रीटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक भारतीय शेयर बाजार का मानक सूचकांक निफ्टी शुक्रवार की बिकवाली के बाद वापसी करने की कोशिश में तेजी के साथ खुला, मगर शुरुआती बढ़त बरकरार नहीं रख सका और 22119 के स्तर पर बंद हो गया।
विदेशी संस्थागत निवेशकों की निरंतर बिकवाली से उपजी चिंता, अमेरिका द्वारा कनाडा, मेक्सिको और चीन पर कल से शुरू हो रहे शुल्क और रूस-यूक्रेन के बीच जारी भू-राजनीतिक तनाव से घरेलू बाजार का प्रभावित होना जारी है। व्यापक बाजार में मिश्रित कारोबार हुआ।
जहाँ निफ्टी मिडकैप 100 5 कारोबारी सत्र के नुकसान से उबरते हुए मामूली रूप से ऊपर रहा, वहीं, स्मॉलकैप 100 में 0.3% की नरमी रही और लगातार 6ठे कारोबारी सत्र में इसमें गिरावट रही। क्षेत्रीय स्तर पर रियल्टी, धातु, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, आईटी में 0.8-1.3% की तेजी रही, जबकि ऑयल ऐंड गैस और बैंक 0.5-0.8% टूट गये।
फरवरी के ऑटो बिक्री आँकड़े आने के बाद ऑटो स्टॉक केंद्र में रहे। इसमें ट्रैक्टर को छोड़कर सभी श्रेणियों में कमजोर माँग का संकेत मिला, जहाँ कृषि क्षेत्र में सकारात्मक भावनाओं के चलते निकट समय में बिक्री में सकारात्मकता बने रहने की उम्मीद है।
वित्त वर्ष 2024-24 की दूसरी तिमाही में 5.6% और वित्त वर्ष 2023-24 के 9.5% के मुकाबले तीसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि 6.2% रही। यह आँकड़े बाजार की 6.2% की आम राय के अनुरूप थे। तिमाही के दौरान सरकारी और निजी दोनों के उपभोग में सुधार देखने को मिली।
नये ऑर्डर और उत्पादन में संवेग कम होने और निवेशक भावनाओं के सुस्त होने के कारण भारत का विनिर्माण पीएमआई फरवरी में नरमी के साथ 14 महीने के निम्न स्तर 56.3 पर आ गया, जो पिछले माह 57.7 पर था। हमारा अनुमान है कि मिलेजुले वैश्विक रुझान और घरेलू संकेतों के अभाव में बाजार सपाट से नकारात्मक बना रहेगा।
(शेयर मंथन, 03 मार्च 2025)
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