अभी भी अधिकतर भारतीयों के लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश एक निषेध वित्तीय उत्पाद है।
घाटे में नुकसान के साथ रिटर्न में देरी म्यूचुअल फंड को निवेश का गलत समझा जाने वाला मोड बनाती है। जबकि सच्चाई इससे काफी अलग है। कई कारण हैं, जिनकी वजह से लोग म्यूचुअल फंड में पैसा गँवाते हैं। जानकारों के अनुसार म्यूचुअल फंड में भी समय ही पैसा है और एक निवेशक को अच्छा रिटर्न प्राप्त करने के लिए इसमें कम से कम 3 साल तक रुकना चाहिए। इसके लिए आपको ऐसी रणनीति तैयार करनी होगी, जिसमें समयावधि स्पष्ट हो। आप बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद अपनी तय समय सीमा तक बनें रहें।
इसके अलावा म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले इसकी पूरी जानकारी लेना जरूरी है। इसके लिए म्यूचुअल फंड निवेश में निवेश के बारे में पढ़ने के अलावा निवेशक शिक्षा कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं और अधिक जानकारी के लिए अपने फंड मैनेजर से भी पूछ सकते हैं। वहीं अकसर देखा गया है कि लोग 'निवेश' और 'ट्रेड' में भेद समझ नहीं पाते। उन्हें पता होना चाहिए कि म्यूचुअल फंड निवेश की जगह है, जिसमें लंबी अवधि के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए निवेश किया जाना चाहिए। ऐसे में आप एक लक्ष्य ध्यान में रखें और उसे हासिल करने के लिए निवेश करें।
वहीं फंड मैनेजर, जो आपकी ओर से निवेश करता है, के बारे में जानकारी और उसकी पृष्ठभूमि की जाँच करना जरूरी है। साथ ही अवास्तविक लाभ और रिटर्न के लिए लालच से बचें। आप हमेशा अपने जोखिम के अनुसार ही रिटर्न प्राप्त करने पर ध्यान दें। (शेयर मंथन, 26 फरवरी 2018)