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मोतीलाल ओसवाल ने लॉन्च किया डिजिटल इंडिया फंड, 25 अक्तूबर को बंद होगा एनएफओ

म्यूचुअल फंड घराना मोतीलाल ओसवाल एसेट म्यूचुअल फंड (एमओएमएफ) ने शुक्रवार (11 अक्तूबर) को मोतीलाल ओसवाल डिजिटज इंडिया फंड के लॉन्च की घोषणा की है। यह फंड ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है।

इसके तहत लंबी अवधि में अपनी पूँजी में वृद्धि की आशा रखने वाले निवेशकों के लिए डिजिटल क्षेत्र में निवेश किया जायेगा, और टेक्नोलॉजी, टेलिकॉम, मीडिया, एंटरटेनमेंट और अन्य संबद्ध क्षेत्रों के स्टॉक इसके केंद्र में होंगे। यह एनएफओ निवेशकों के लिए आज खुल रहा है और 25 अक्तूबर तक इसमें निवेश किया जा सकता है।

फंड की खास बातें

निवेश का मकसद : निवेश का प्राथमिक लक्ष्य डिजिटल और प्रौद्योगिकी पर निर्भर कंपनियों, हार्डवेयर, बाह्य उपकरणों और घटकों, सॉफ्टवेयर, टेलीकॉम, मीडिया, इंटरनेट और ई-कॉमर्स और डिजिटलीकरण में लगे या इसका लाभ उठाने वाली अन्य कंपनियों में निवेश करके पूँजी में बढ़ोत्तरी करना है।

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पोर्टफोलियो रणनीति : यह एक फोकस्ड पोर्टफोलियो होगा। इसमें ऐसी गुणवत्ता वाली कंपनियों में निवेश का ढाँचा तैयार किया जिनमें भविष्य में उच्च वृद्धि का अनुमान हो।

निवेशक प्रोफाइल : यह उन निवेशकों के लिए है जो खासतौर से डिजिटल और प्रौद्योगिकी से संबंधित कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी-संबंधित उपकरणों में निवेश करके लंबी अवधि में पूँजी में इजाफा करना चाहते हैं।

एमओएएमसी के आंतरिक अध्ययन के मुताबिक, डिजिटल ढाँचा के कई मुख्य आयामों के मामले में भारत दुनिया के प्रमुख दो देशों में से एक है। इनमें शामिल है :

• इंटरनेट की पहुँच, जिसमें 2014 से अब तक चार गुना इजाफा हो चुका है और अगले साल तक इसके एक अरब तक पहुँचने का अनुमान है।

• स्मार्टफोन उपयोगकर्ता, जो 2010 से 30 गुना बढ़ चुके हैं।

• यूपीआई का इस्तेमाल और कारोबार डिजिटल संचालन। भारत में 101.3 करोड़ स्मार्टफोन धारक हैं और 75.15 करोड़ हाई स्पीड इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। भारत में जुलाई 2024 तक 35 करोड़ लोग रोजाना के लेन-देन के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं, जो 144 अरब रुपये है।

डिजिटल भुगतान अधिकांश लेन-देन के लिए केंद्रीय कार्यप्रणाली बन गया है, विशेष रूप से ग्रामीण भारत में, जहाँ 38% उपयोगकर्ता डिजिटल भुगतान का उपयोग करते हैं। औसत भारतीय रोजाना तकरीबन 6.45 घंटे ऑनलाइन बिताता है। इस दौरान ई-कॉमर्स वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफार्म और ऑनलाइन बाजारों पर सबसे अधिक ट्रैफिक होता है।
पिछले पाँच साल में एसएएएस कंपनियों, बी2बी ऑनलाइन मंचों, डिजिटल विज्ञापन, सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री, फिनटेक, फूडटेक, इंसरटेक और डिजिटल लॉजिस्टिक में उद्योग के आकार और आय के लिहाज से निर्णायक बढ़त का अनुभव हुआ है। नतीजतन ऐसा डिजिटन अवसर उत्पन्न हुआ है जिसका मूल्य तकरीबन 90,000 करोड़ रुपये है।

मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी और सीईओ प्रतीक अग्रवाल ने डिजिटल फंड स्पेस पर कहा कि ‘भारत की इंटरनेट अर्थव्यवस्था में अमेरिका, चीन और दुनिया के अन्य देशों की तरह तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है। मजबूत और निरंतर व्यापार वृद्धि अच्छे निवेश परिणाम हासिल करने की कुंजी है। यह एक ऐसा विषय है जिस पर हमारा ध्यान है और हमारे अधिकांश विविध फंडों में इसका प्रतिनिधित्व है। अब हम इस विषय पर केंद्रित एक फंड ला रहे हैं। यह फंड उन निवेशकों के लिए तैयार किया गया है जो डिजिटल और प्रौद्योगिकी से संबंधित कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी से संबंधित उपकरणों में मुख्य रूप से निवेश करके लंबी अवधि में पूंजी वृद्धि चाहते हैं।’

(शेयर मंथन, 11 अक्तूबर 2024)

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