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मैंने यह बात लिखी थी गुरुवार 19 सितंबर को, और निफ्टी ने उसी दिन जुलाई का शिखर 6093 पार किया। उस दिन यह 6142 तक चढ़ा, यानी पहला लक्ष्य एक तरह से हासिल हो गया। लेकिन अगले दिन शुक्रवार की सुबह मैंने रघुराम राजन की पहली मौद्रिक नीतिगत समीक्षा से पहले मैंने यह कह कर सचेत कर दिया था कि “कल के शिखर 6142 को पार करने के बाद ही सकारात्मक नजरिया अपनाना बेहतर होगा।” शुक्रवार को निफ्टी ने 6142 पार नहीं किया था और उस दिन यह 6131 तक ही जा सका था।
शुक्रवार को नीचे के लिए मैंने लिखा था, “अगर निफ्टी (हाजिर यानी स्पॉट) 6100 के नीचे जाये तो सावधान हो जायें, क्योंकि 6100-6090 के नीचे जाने पर 6060-6040 तक की गिरावट की संभावना खुलती है। कल सुबह निफ्टी ने 6040-5917 के दायरे में ऊपरी अंतराल (राइजिंग गैप) बनाया था। अगर आज निफ्टी इस अंतराल के अंदर वापस प्रवेश कर गया, तो 5980-5960 से पहले सहारा मिल पाना मुश्किल हो सकता है।” शुक्रवार को ही निफ्टी का निचला स्तर 5933 का रहा।
और हाँ, मैंने गुरुवार को ही लिखा था कि “आज सुबह निफ्टी एक ऊपरी अंतराल (गैप-अप) के साथ खुला है जो 6040-5917 के दायरे में है। यह अंतराल निफ्टी के किसी उतार-चढ़ाव में सहारे का काम करेगा और इसके नीचे जाने पर आपको यह सोचना पड़ेगा कि क्या भारतीय बाजार की मौजूदा तेजी पूरी हो गयी?” कल निफ्टी इस अंतराल के काफी नीचे चला गया और 5900 के नीचे ही 5890 पर बंद हुआ। इसलिए अब यह सोचने का वक्त तो आ चुका है कि क्या हाल में दिख रही तेजी निपट गयी?
यह तेजी शुरू हुई थी 28 अगस्त की तलहटी 5119 से और गुरुवार 19 सितंबर का ऊपरी स्तर 6142 का रहा। निफ्टी की यह उछाल 1023 अंक की रही, जो पूरे-पूरे 20% होती है। केवल तीन हफ्तों में 20% उछाल काफी नहीं होती क्या! अगर 5119-6142 की उछाल की 23.6% वापसी देखें तो यह 5901 पर है। कल की गिरावट में निफ्टी इसके नीचे ही बंद हुआ। अब 38.2% वापसी का अगला पड़ाव 5751 पर है। इसके नीचे जाना बाजार के लिए अच्छा नहीं होगा।
पिछले तीन हफ्तों में जो ऊपरी चाल बनी थी, उसमें ठीक पिछली ऊपरी तलहटी 5798 पर मानी जा सकती है। इसके नीचे की तलहटी सीधे 5319 पर दिखती है, जो काफी नीचे है। इस नजरिये से देखें तो 5800 का स्तर टूटने के बाद ही गहरी गिरावट के अंदेशे बन जाते हैं। इसे अगर 5119-5142 की 38.2% वापसी यानी 5751 के साथ मिला कर देखें तो कह सकते हैं कि 5750-5800 के आसपास सहारा मिला तो ठीक, वरना बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ने की काफी आशंका रहेगी।
ऊपर की ओर फिर से आगे जाने और पिछले हफ्ते तक चल रही तेजी को जारी रख पाने के लिए निफ्टी के सामने पहली शर्त है कि यह 6,000 को पार करे। मैं पिछले कई महीनों से इसी 6,000 के मुकाम की बात करता रहा हूँ। निफ्टी ने इस दौरान 6000 को पार तो कई बार किया, लेकिन कभी ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाया। एक बार फिर यही बात आती है कि अगर निफ्टी को फिर से ऊपर जाना है, तो पहले 6,000 पार तो करे। फिर सोचेंगे कि इसने नयी तेजी का जोश हासिल कर लिया है या नहीं।
अगर केवल आज के नजरिये से सोचें तो निफ्टी स्पॉट 5910 के ऊपर जाने पर यह कुछ ऊपर जाने की हालत में आ सकेगा। हो सकता है कि वह चाल इसे 5950-5960 तक ले जाये। इसके ऊपर जाने पर फिर से 6000 पर नजर अटकेगी। लेकिन अगर यह कल के निचले स्तर 5871 को तोड़ कर नीचे जाने लगा तो यही मानना होगा कि शुक्रवार से शुरू होने वाली गिरावट आज भी जारी रहने वाली है। वैसी हालत में शायद 5820-5825 के आसपास थोड़ा सहारा भले मिल जाये, लेकिन वास्तव में 5800 से पहले कोई भरोसेमंद सहारा नहीं दिख रहा है। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 24 सितंबर 2013)
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