केंद्र सरकार द्वारा काले धन की घोषणा से संबंधित आय घोषणा योजना (आईडीएस) 2016 की समय सीमा कल समाप्त हो गयी।
खबरों के अनुसार आयकर विभाग ने पूरे भारत में काले धन के रूप मे 65,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटायी। इस राशि पर आयकर विभाग को कर के रूप में करीब 30,000 करोड़ रुपये (45%) मिलेंगे। केंद्र सरकार ने आईडीएस-2016 के तहत करदाताओं को अपनी अघोषित संपत्ति या काले धन की घोषणा करने और उस पर नियत कर देने की सुविधा की शुरुआत 1 जून को की थी। इस योजना के लिए सरकार ने करदाताओं को अपनी अघोषित संपत्ति की जानकारी देने के लिए 4 महीनों की मोहलत दी थी, जो शुक्रवार को समाप्त हो गयी। इस योजना के दौरान अधिकतर लोगों ने ऑनलाइन सबमिशन का रास्ता चुना।
आईडीएस-2016 के दौरान आंध्र प्रदेश से सबसे अधिक 13,000 करोड़ रुपये काले धन के रूप में घोषित किये गये, जिसमें केवल एक करदाता ने 10,000 करोड़ रुपये की घोषणा की। 8,500 करोड़ रुपये के साथ मुंबई दूसरे नंबर पर रही, जबकि गुजरात और दिल्ली दोनों से ही करीब 6,000 करोड़ रुपये के काले धन की घोषणा की गयी। इसके अलावा कोलकाता से काला धन के रूप में करीब 4,000 करोड़ रुपये घोषित किये गये। इन आँकड़ों में अभी और भी इजाफा हो सकता है और अंतिम राशि वित्त मंत्री अरुण जेटली अपनी प्रेस वार्ता में बता सकते हैं, जो आज होगी।
गौरतलब है कि इससे पहले 1997 में भी तत्कालीन सरकार ने ऐसी ही योजना चलायी थी, जिसके तहत करीब 33,000 करोड़ रुपये के काले धन की पूष्टि हुई थी। मगर इस बार यह रकम उससे कहीँ ज्यादा है। (शेयर मंथन, 01 अक्तूबर 2016)