
विदेशी निवेशकों की बिकवाली, भूराजनीतिक हालात और खस्ताहाल रुपये से लहूलुहान शेयर बाजार को अंतरराष्ट्रीय रेटिंंग एजेंसी क्रिसिल की इस टिप्पणी से थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। क्रिसिल का मानना है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर रह सकती है।
6.5% की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था
क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2025-26 में देश की वृद्धि दर 6.5% रह सकती है। हालाँकि ये पिछले वित्त वर्ष से कम है, लेकिन तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वहीं, क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में मानसून के सामान्य रहने की उम्मीद जतायी है। इसकी वजह से कृषि वस्तुओं की कीमतों में भी नरमी रहने की उम्मीद है।
अगर दाम कम रहते हैं तो निजी खपत में सुधार देखने को मिल सकता है। चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 7.6% पर रहने की उम्मीद है, जिसकी वजह से चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि 6.5% हो जायेगी। तिमाही आधार पर देखें तो चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.2% और दूसरी तिमाही में 5.6% पर थी।
आरबीआई घटा सकता है ब्याज दर
रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में इस वित्त वर्ष ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी जतायी है। क्रिसिल ने कहा है कि इस बार बजट में लोगों को आय कर में राहत मिलने से घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा। महँगाई कम होगी तो केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति में ढील दे सकता है जिससे खपत को और सहारा मिलेगा। रेटिंंग एजेंसी का अनुमान है कि आरबीआई इस साल ब्याज दरों में 0.50-0.75% की कटौती कर सकता है।
(शेयर मंथन, 04 मार्च 2025)
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