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एफआईआई बिकवाली पर है चिंता

Anita Gandhiअनीता गांधी
निदेशक, अरिहंत कैपिटल मार्केट्स
उभरते हुए देशों में भारत अब भी सितारा बना हुआ है।

यदि सभी राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करें कि भारत की संपदा भारत में ही रहे, तो देश पीछे मुड़ कर नहीं देखेगा। अभी विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली चिंताजनक है। नोटबंदी के चलते छह महीने के लिए धीमापन रहेगा। बहुत से लोग बेरोजगार हो रहे हैं। अगले छह महीनों में बाजार के लिए सबसे अहम पहलू यही है कि भारत की विकास दर कितनी रहती है। हालाँकि मुझे उम्मीद है कि सेंसेक्स साल 2017 में ही 30,000 के स्तर को फिर छू सकेगा।
अगले छह महीनों में सेंसेक्स और निफ्टी में 5% की बढ़त भी हो सकती है और 5% तक गिरावट भी आ सकती है। लेकिन दिसंबर 2017 तक मैं इन सूचकांकों में 10-12% तक वृद्धि होने की उम्मीद कर रही हूँ। निफ्टी का साल 2017 का दायरा ऊपर 9,000 और नीचे 7,600 तक का लगता है।
इस साल ऊर्जा, तेल-गैस और आईटी क्षेत्र बाजार से चलने की उम्मीद है, जबकि ऑटो और बैंक क्षेत्र धीमे रहेंगे। नये साल के लिए मेरे पाँच सबसे पसंदीदा शेयर हैं जागरण प्रकाशन, एचएसआईएल, कर्नाटक बैंक, एमटी एडुकेयर और शिल्पी केबल्स। (शेयर मंथन, 04 जनवरी 2017)

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