भारत की आर्थिक विकास दिसंबर 2022 को खत्म हुई चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में घटकर 4.4% पर आ गयी। इसे दूसरी तिमाही में 6.3% के मुकाबले बड़ी गिरावट माना जा रहा है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने मंगलवार (28 फरवरी) को देर शाम चालू वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही के जीडीपी विकास के आँकड़े जारी किये। मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि विकास दर के आँकड़े अर्थशास्त्रियों द्वारा साझा किए गए अनुमानों से थोड़ा कम हैं। इसमें कहा गया है कि तीसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी 40.19 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2021-22 की तीसरी तिमाही में 38.51 लाख करोड़ रुपये थी।
आंकड़ों से यह भी संकेत मिलता है कि चालू वित्त वर्ष के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान है। इस बीच, सरकार का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023 में नॉमिनल जीडीपी 15.9% की दर से बढ़ेगी। अर्थशास्त्रियों के एक सर्वेक्षण में मई 2022 से उच्च मुद्रास्फीति और उसके बाद ब्याज दरों में वृद्धि के मद्देनजर तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 4.6 % रहने का अनुमान लगाया गया था। सरकार द्वारा जारी जीडीपी विकास के आँकड़ों से संकेत मिलता है कि आर्थिक विकास उम्मीद से धीमा रहा है, और आगे चलकर विकास प्रक्षेपवक्र पर चिंताएँ बढ़ा सकता है, क्योंकि वैश्विक आर्थिक स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
तीसरी तिमाही में कमजोर जीडीपी वृद्धि मार्च 2023 को समाप्त होने वाले पूरे वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार के जीडीपी वृद्धि अनुमानों को भी प्रभावित कर सकती है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जबकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इसके 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
(शेयर मंथन, 01 मार्च 2023)