देश में फरवरी 2023 के महीने में थोक महँगाई दर लगातार नौवें महीने घटकर 3.85% पर आ गयी। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति दर इस साल जनवरी में 4.73% और फरवरी 2022 में 13.43% थी। जनवरी 2021 के बाद यह सबसे कम है, तब थोक मुद्रास्फीति 4.73% थी।
हालाँकि खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति फरवरी में बढ़कर 3.81% हो गई, जो जनवरी में 2.38% थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा, फरवरी 2023 में मुद्रास्फीति की दर में गिरावट मुख्य रूप से कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, गैर-खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों, खनिजों, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल उत्पादों, रसायन और रासायनिक उत्पादों, विद्युत उपकरणों और मोटर वाहनों, ट्रेलरों और अर्ध-ट्रेलरों की कीमतों में गिरावट के कारण हुई है।
दालों की मुद्रास्फीति 2.59% रही जबकि सब्जियों की मुद्रास्फीति शून्य से 21.53% नीचे रही। फरवरी 2023 में तिलहन की मुद्रास्फीति शून्य से 7.38% नीचे थी। ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति पिछले महीने के 15.15% से घटकर 14.82% रह गई। विनिर्मित उत्पादों में यह 1.94% रही जो जनवरी में 2.99% थी।
थोक मूल्य सूचकांक में गिरावट खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट के अनुरूप आई है, जिसके आँकड़े सोमवार को जारी किए गए थे। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में घटकर 6.44 प्रतिशत रह गई, जो जनवरी में 6.52 प्रतिशत थी। पिछले महीने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में, भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रमुख ब्याज दर को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया था।
(शेयर मंथन, 14 मार्च 2023)