शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक (Unitech) पर दिल्ली से सटे नोएडा में ग्राहकों को फ्लैट समय पर न देने के कारण 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
दिवाकर मिश्रा और विनय कुमार नाम के दो ग्राहकों की ने अक्तूबर 2010 में इस परियोजना में फ्लैट खरीदे थे और इन्हें अप्रैल 2012 तक फ्लैट का कब्जा मिलना था। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की पीठ ने अपने फैसले में कंपनी को यह रकम 12 अगस्त तक न्यायालय की रजिस्ट्री को देने को कहा है। इसके साथ ही न्यायालय ने कंपनी को आगाह किया है कि समय पर जुर्माना न भरने की स्थिति में कंपनी के निदेशकों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा।
इससे पहले राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने ग्राहकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कंपनी को नोएडा में बरगंडी परियोजना में तीन ग्राहकों को फ्लैटों के आवंटन में देरी के लिए दिवाकर मिश्रा और अन्य दो ग्राहकों को मुआवजे का भुगतान करने के लिए कहा था। इस फैसले के खिलाफ यूनिटेक ने उच्चतम न्यायाल्य का रुख किया था, जहाँ अब न्यायालय ने भी अपना फैसला ग्राहकों के हक में सुनाया है। न्यायालय में शिकायतकर्ताओं ने आयोग में अपनी अर्जी में कहा था कि उन्होंने कंपनी को कुल बिक्री मूल्य का 95 प्रतिशत भुगतान कर दिया है, मगर बावजूद इसके उन्हें फ्लैटों का कब्जा नहीं दिया गया।
बीएसई में यूनिटेक के शेयर में शुक्रवार को गिरावट का रुख रहा। बढ़त के साथ खुल कर लगातार गिरने रहने के बाद कारोबार के अंत में यह 0.18 रुपये या 2.81% की कमजोरी के साथ 6.23 रुपये पर बंद हुआ। शुक्रवार के कारोबार में कंपनी के शेयर का उच्च स्तर 6.55 रुपये रहा, जबकि नीचे की तरफ यह 6.19 रुपये तक लुढ़का। (शेयर मंथन, 02 जूलाई 2016)
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