चना वायदा (जून) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 3,550-3,520 तक लुढ़क सकती है।
घरेलू आवक के जारी रहने और सुस्त कारोबार के कारण प्रमुख हाजिर बाजारों में चने की कीमतों में मिला-जुला रुझान है। नियमित आवक के बीच सीमित कारोबार के कारण इंदौर बाजार में काबुली चना की कीमतों में स्थिरता है।
कॉटन वायदा (मई) की कीमतों को 20,900 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है और अंतरराष्ट्रीय बाजार के रूख पर कीमतों में तेजी का रुझान रह सकता है। मिलों और निर्यातकों की ओर से खरीदारी के कारण दक्षिण भारत और मध्य भारत में कपास की कीमतों में तेजी का रुझान है। कम आपूर्ति के कारण भी कीमतों को मदद मिल रही है। अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध की आशंका के कमजोर पड़ने के बाद चीन के हेज फंडों द्वारा खरीदारी के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार आईसीई में कपास की कीमतें 2% की उछाल के साथ चार वर्षो के उच्च स्तर पर पहुँच गयी हैं। घरेलू बाजार में भी कम स्टॉक रखने वाली कुछ मिलें आर निर्यातक भी निकट भविष्य की जरुरतों को पूरा करने के लिए खरीदारी कर रहे हैं।
मेंथा ऑयल वायदा (जून) की कीमतों के 1,165-1,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। संभल और बाराबंकी के हाजिर बाजारों में नयी फसल की आपूर्ति में तेजी आने की संभावना से आगामी दिनों में बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है। इस वर्ष मेंथा ऑयल का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 35% की बढ़ोतरी के साथ 40,000-42,000 टन होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 22 मई 2018)
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