कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हो सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों को 4,900 रुपये पर सहारा और 4,970 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है। ईआईए के भंडार आँकड़ों से कीमतों को दिशा मिल सकती है। अमेरिका द्वारा चीन के 200 बिलियन डॉलर के उत्पादों पर फिर से टैरिफ लगाने की अंतिम तारीख के समाप्त होने और विकासशील देशों के संकट के कारण आज तेल की कीमतों में गिरावट हुई है। ओपेक और सहयोगी देशों की ओर से तेल की बढ़ी हुई आपूर्ति और चीन एवं विकासशील देशों की ओर से माँग कम होने की आशंका से तेल की कीमतों पर दबाव पड़ सकता है। भारत ने अगस्त में लगभग 5,23,000 बैरल तेल का आयात ईरान से किया है, जो पिछले महीने की तुलना में 32% कम है, क्योंकि अमेरिका ने ईरान के तेल के आयातक देशों को नवम्बर तक आयात बंद करने का दबाव बनाया है। (शेयर मंथन, 06 सितंबर 2018)
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