हल्दी वायदा (सितंबर) की कीमतों को 6,600 रुपये के नजदीक सहारा रह सकता है और इसमें जवाबी खरीद हो सकती है।
कारोबारियों द्वारा स्थानीय माँग और मसाला कंपनियों की माँग को पूरा करने के लिए खरीदारी के कारण इरोद की मंडियों में हल्दी की फिंगर वेराइटी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। सभी बाजारों में फिंगर वेराइटी की कीमतों में 150-200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है, जबकि खराब क्वालिटी के कारण रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में रूट वेराइटी की कीमतों में 75 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है।
जीरा वायदा (सितंबर) की कीमतों के 19,000-19,400 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। 3 से 10 सितंबर तक गुजरात के प्रमुख बाजारों के बंद रहने के कारण खरीदार और बिक्रेता बाजार में सक्रिय नही हैं। दूसरी ओर चीन की ओर से निर्यात माँग कम है, जबकि स्टॉकिस्ट अधिक कीमतों पर खरीदारी नही करना चाहते हैं, जिससे कीमतों पर दबाव रह सकता है।
इलायची वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 1,440 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकती है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है, क्योंकि सितंबर में दूसरे दौर की फसल की कटाई होगी और नीलामी केन्द्रों पर आवक में बढ़ोतरी होगी। सऊदी अरब द्वारा आयात पर रोक के कारण अधिक कीमतों पर निर्यात माँग में कमी बनी हुई है। मौजूदा सीजन में अभी तक कुल 2,023 टन इलायची की आवक हुई है और लगभग 1,996 टन इलायची की बिक्री हुई है। (शेयर मंथन, 06 सितंबर 2018)
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