कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतें 22,200 रुपये के सहारा स्तर से नीचे टूट गयी हैं और अब कीमतों में 21,800 रुपये की गिरावट हो सकती है।
आवक में बढ़ोतरी और धागा और कपड़ा उद्योग की ओर से कम माँग के कारण मिलों की ओर से कम खरीदारी होने से कपास की कीमतों में गिरावट हुई है। कल देश के बाजारों में कुल 1,68,500 रुपये बेल कपास की आवक हुई है, जो मौजूदा सीजन में एक दिन में सबसे अधिक आवक है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की कीमतें गिरावट के साथ 79.320 सेंट पर बंद हुई हैं। अमेरिकी फसल प्रगति रिपोर्ट के अनुसार 59 फसल की कटाई हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 5% अधिक है।
ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 4,410 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। हाजिर बाजारों में ग्वारसीड की आवक अच्छी हो रही है, जबकि कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के कारण ग्वारगम की माँग भी कम हुई है और खरीदार सतर्कता बरत रहे हैं।
बुआई क्षेत्रों में बढ़ोतरी की संभावना से चना वायदा (दिंसबर) की कीमतों के 4,435-4,560 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। अधिक कीमतों पर चना दाल और बेसन की कम माँग के कारण मिलों की ओर से खरीदारी कम किये जाने के कारण देश के प्रमुख बाजारों में चना की कीमतों में गिरावट हुई है। नाफेड द्वारा खरीदे गये स्टॉक की बाजार में बिक्री के कारण कीमतों पर दबाव पड़ सकता है। हाल ही में महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में हुई बारिश चना की मौजूदा बुआई के लिये लाभकारी रह सकती है। (शेयर मंथन, 20 नवंबर 2018
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