सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 3,410-3,450 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के कारण सोयाबीन के प्रमुख आयातक चीन द्वारा अब भारत से सोयाबीन का आयात किये जाने की संभावना है। बढ़ती माँग को पूरा करने के लिये चीन ने हाल ही में भारत से सरसों, कच्ची चीनी और गैर-बासमती चावल के आयात को मंजूरी दे दी है।
सरसों वायदा (दिसंबर) की कीमतें 4,225 रुपये से ऊपर कारोबार करती है तो कीमतों में बढ़त दर्ज की जा सकती है। मगर तब तक कीमतें 4,110-4,155 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। हाल ही में नाफेड द्वारा सरसों की बिक्री अगली सूचना तक रोके जाने से भी कीमतों को मदद मिल रही है। लेकिन मौजूदा सीजन में किसानों द्वारा सरसों की बुआई में बढ़ोतरी की जा सकती है, क्योंकि सरसों की खेती में पानी की कम आवश्यकता होती है, जिससे कीमतों पर दबाव रह सकता है।
सीपीओ (दिसंबर) वायदा कीमतों की गिरावट जारी रह सकती है और कीमतों में 497-487 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। प्रमुख उत्पादक देश इंडोनेशिया और मलेशिया में पॉम ऑयल के बढ़ते भंडार के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में पॉम ऑयल की कीमतों में नरमी का रुझान है। जाड़े के दिनों में पॉम ऑयल की माँग कम हो जाने के कारण भंडार में बढ़ोतरी होती है। मलेशियन पॉम ऑयल बोर्ड के अनुसार अक्टूबर के अंत तक मलेशियन पॉम ऑयल का भंडार 7.6% की बढ़ोतरी के साथ 2.72 मिलियन टन हो गया है, जबकि उत्पादन 6% की बढ़ोतरी के साथ 1.96 मिलियन टन हो गया है। (शेयर मंथन, 20 नवंबर 2018)
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