मिले-जुले सेंटीमेंट के कारण हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 6,400-6,500 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
बाजारों में अच्छी क्वालिटी की आवक और कारोबारियों द्वारा अधिक कीमतों पर खरीदारी किये जाने के कारण हल्दी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। कारोबारियों ने स्थानीय और घरेलू माँग को पूरा करने के लिये सभी अच्छी क्वालिटी की हल्दी की खरीदारी की। इरोद को-ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में फिंगर वेरायटी की कीमतों में 500 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है, जबकि अन्य बाजारों में कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है।
जीरा वायदा (दिसंबर) की कीमतों को 20,070 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकती है। गुजरात के ऊंझा में जीरे की कीमतों में गिरावट हुई है। राजस्थान के बाजारों में भी कीमतों में गिरावट हुई है। इस वर्ष उत्पादन क्षेत्रों में पिछले अनुमान की तुलना में बढ़ोतरी हो सकती है। गुजरात में जीरे की बुआई और उत्पादकता में बढ़ोतरी होने की संभावना है क्योंकि राज्य सरकार ने कहा है कि बनासकंठा नहर से सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराया जायेगा।
धनिया वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 6,700 रुपये तक बढ़त जारी रह सकती हैं। सूत्रों के अनुसार राजस्थान और गुजरात में सूखे की स्थिति के कारण इस वर्ष बुआई में कमी हो सकती है। गुजरात में बुआई काफी पिछड़ गयी है। जूनागढ़ में धनिया की बुआई केवल 300 हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 7,600 हेक्टेयर में बुआई हुई थी। मध्य प्रदेश और राजस्थान धनिया की बुआई अभी शुरू नही हुई है। (शेयर मंथन, 21 नवंबर 2018)
जीरा वायदा (दिसंबर) की कीमतों को 20,070 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकती है। गुजरात के ऊंझा में जीरे की कीमतों में गिरावट हुई है। राजस्थान के बाजारों में भी कीमतों में गिरावट हुई है। इस वर्ष उत्पादन क्षेत्रों में पिछले अनुमान की तुलना में बढ़ोतरी हो सकती है। गुजरात में जीरे की बुआई और उत्पादकता में बढ़ोतरी होने की संभावना है क्योंकि राज्य सरकार ने कहा है कि बनासकंठा नहर से सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराया जायेगा।
धनिया वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 6,700 रुपये तक बढ़त जारी रह सकती हैं। सूत्रों के अनुसार राजस्थान और गुजरात में सूखे की स्थिति के कारण इस वर्ष बुआई में कमी हो सकती है। गुजरात में बुआई काफी पिछड़ गयी है। जूनागढ़ में धनिया की बुआई केवल 300 हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 7,600 हेक्टेयर में बुआई हुई थी। मध्य प्रदेश और राजस्थान धनिया की बुआई अभी शुरू नही हुई है। (शेयर मंथन, 21 नवंबर 2018)
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