हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 6,440-6,540 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में स्टॉकिस्टों के नही रहने और अच्छी क्वालिटी की हल्दी की आवक नही होने से खरीदारी में सुस्ती देखी जा रही है। इसके अतिरिक्त ऐसी खबर है कि आंध्र प्रदेश में सरकारी एजेंसियों के पास अच्छी क्वालिटी का स्टॉक नही है। इसलिए राज्य सरकार ने इन सरकारी एजेंसियों को हल्दी के सभी स्टॉक को मौजूदा बाजार दरों पर तत्काल बेच देने का निर्देश दिया है। राज्य की एजेंसियों के पास लगभग 2 लाख बैग हल्दी का स्टॉक पड़ा हुआ है। पाउडर निर्माता कंपनियाँ इस स्टॉक को प्राप्त करने के लिए टेंडर जमा कर रही हैं, जिसकी निलामी की प्रक्रिया जल्दी ही शुरू की जायेगी।
जीरा वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 19,200 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है। जीरे की बुआई में तेजी आने की संभावना अभी भी कमजोर है, क्योंकि बनासकंठा नहर से सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है। कुछ क्षेत्रों में पानी उपलब्ध हुआ है, लेकिन दूर के क्षेत्रों में अभी भी सूखे जैसी स्थिति बनी हुई है। फिर भी यदि राज्य सरकार पर्याप्त पानी छोड़ती है तो बुआई क्षेत्रों में बढ़ोतरी हो सकती है और कीमतों में गिरावट हो सकती है।
धनिया वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 6,040 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ बढ़त जारी रह सकती है। कम आवक और राजस्थान एवं गुजरात में सूखे की स्थिति के कारण इस वर्ष बुआई में कमी की आशंका से कीमतों को मदद मिलती रह सकती है। गुजरात में बुआई काफी पिछड़ गयी है, जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान धनिया की बुआई अभी शुरू नही हुई है। (शेयर मंथन, 26 नवंबर 2018)
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