सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 3,400-3,440 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
आवक में कमी के कारण फंडामेंटल काफी अनुकूल है। पेराई मिलों की ओर से भी बेहतर खरीदारी हो रही है और घरेलू पशु आहार उद्योग की ओर से सोयामील की माँग बेहतर हो रही है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सोयामील की बढ़ती कीमतों के कारण विदेशों से माँग कम हो सकती है। रॉटरडम में भारतीय सोयामील की कीमत 413 डॉलर प्रति टन है, जो अर्जेंटिना के सोयामील की कीमत 357 रुपये डॉलर प्रति टन की तुलना में 56 डॉलर महँगा है।
सरसों वायदा (दिसंबर) में 4,080 रुपये के नजदीक निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है और कीमतों में 4,125-4,140 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। भारतीय सरसोंमील के आयात पर चीन द्वारा प्रतिबंध हटाये जाने से हाजिर बाजारों में सरसों की कीमतों में बढ़त दर्ज की जा रही है। कारोबारियों को उम्मीद है कि चीन को सरसोंमील का निर्यात शुरू होने से आगामी महीनों में कीमतों को मदद मिल सकती है, क्योंकि अभी निर्यात शुरू होने में लगभग 15 दिनों का समय लगेगा।
इसके अतिरिक्त ठंड के बढ़ते जाने के साथ सरसों तेल की माँग में बढ़ोतरी हो सकती है। येल और प्रिंसटाउन विश्वविद्यालय द्वारा किये गये एक अध्ययन के अनुसार भारत में लगभग 90% सरसों तेल का इस्तेमाल भोजन बनाने में किया जाता है और केवल 10% का इस्तेमाल अन्य कार्यों के लिये किया जाता है।
सीपीओ (दिसंबर) वायदा कीमतों में 495 रुपये के स्तर से उछाल को देखते हुए ऐसा लगता है कि अब गिरावट पर रोक लग सकती है और शॉर्ट कवरिंग के कारण कीमतों में 520-525 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। बीएमडी में निचले स्तर पर खरीदारी के कारण पॉम ऑयल की कीमतों में 1,950 रुपये रिंगिट के सहारा स्तर से उछाल दर्ज की जा सकती है। (शेयर मंथन, 26 नवंबर 2018)
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