सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 3,320-3,400 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सोयामील की बढ़ती कीमतों के कारण सोयामील का निर्यात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। भारतीय रुपये के मजबूत हो जाने के कारण भारतीय सोयामील का निर्यात महँगा होता जा रहा है। भारतीय सोयामील की कीमत अर्जेंटिना के सोयामील की कीमत की तुलना में 55 डॉलर अधिक है।
सरसों वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 4,020-4,080 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में विक्रेताओं द्वारा कम कीमतों पर स्टॉक नही बेचे जाने के कारण राजस्थान के बेंचमार्क जयपुर बाजार में सरसों की कीमतों में स्थिरता है। सरसों की कीमतें 4,230-4,235 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम के दायरे में हैं। इस बीच नाफेड ने 3.17 लाख टन सरसों की बिक्री की है, जबकि 5.46 लाख टन का स्टॉक अभी बचा हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में पॉम ऑयल की कीमतों में नरमी के रुझान पर सीपीओ (दिसंबर) वायदा की कीमतों की गिरावट जारी रह सकती है। सीपीओ की कीमतों में 485-480 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। इंडोनेशिया द्वारा पॉम ऑयल के निर्यात पर शुल्क 50 डॉलर प्रति टन से हटा कर शून्य किये जाने के फैसले के बाद बीएमडी में मलेशियन पॉम ऑयल की कीमतों में कल तेज गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 27 नवंबर 2018)
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