कॉटन वायदा (फरवरी) की कीमतों के 20,570-20,780 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
भारत में 2018-19 सीजन में कपास के उत्पादन अनुमान को फिर से 5 लाख बेल कम करके 330 लाख बेल कर दिया गया है। भारतीय कपास निगम ने उत्पादन क्षेत्रों में पानी के संकट को देखते हुए उत्पादन अनुमान में लगातार तीसरी बार कमी है।
ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों को 4,240 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (फरवरी) की कीमतों को 8,445 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है। फंडामेंटल के अभाव और कीमतों के स्पष्ट रुझान के अभाव के कारण खरीदार नयी खरीदारी से दूरी बनाये हुए हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार एल्नीनो के बनने की संभावना 60% है, जिसे देखते हुए कारोबारी सतर्कता बनाये हुए हैं। इसके अतिरिक्त दोनों ही डेरिवेटिव्स में ओपेन इंटेरेस्ट कम हो रहा है, जिससे पता चलता है कि ट्रेंड बदल सकता है।
चना वायदा (मार्च) की कीमतों में 4,240 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ तेजी रहने की संभावना है। कम कीमतों में हाजिर बाजारों में खरीदारी होने के कारण प्रमुख बाजारों में चना की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। बेसन और दाल मिलें कम कीमतों को देखते हुए बाजारों में सक्रिय हो गयी है। इस बीच राजस्थान, उतर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश में हुई बारिश चना की फसल के लिए काफी लाभकारी हुई है। (शेयर मंथन, 08 फरवरी 2019)
ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों को 4,240 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (फरवरी) की कीमतों को 8,445 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है। फंडामेंटल के अभाव और कीमतों के स्पष्ट रुझान के अभाव के कारण खरीदार नयी खरीदारी से दूरी बनाये हुए हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार एल्नीनो के बनने की संभावना 60% है, जिसे देखते हुए कारोबारी सतर्कता बनाये हुए हैं। इसके अतिरिक्त दोनों ही डेरिवेटिव्स में ओपेन इंटेरेस्ट कम हो रहा है, जिससे पता चलता है कि ट्रेंड बदल सकता है।
चना वायदा (मार्च) की कीमतों में 4,240 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ तेजी रहने की संभावना है। कम कीमतों में हाजिर बाजारों में खरीदारी होने के कारण प्रमुख बाजारों में चना की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। बेसन और दाल मिलें कम कीमतों को देखते हुए बाजारों में सक्रिय हो गयी है। इस बीच राजस्थान, उतर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश में हुई बारिश चना की फसल के लिए काफी लाभकारी हुई है। (शेयर मंथन, 08 फरवरी 2019)
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