कॉटन वायदा (अगस्त) कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 20,580-20,700 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
अमेरिकी कृषि विभाग द्वारा साप्ताहिक निर्यात के बेहतर आँकड़ों के कारण आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। आईसीई में कॉटन दिसंबर वायदा की कीमतें 0.1% बढ़ कर 59.62 सेंट पर बंद हुई। कम कीमतों पर बांग्लादेश की ओर से बेहतर माँग के कारण अमेरिकी निर्यात बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। बांग्लादेश के साथ ही वियतनाम की ओर से अधिक माँग के कारण अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार बाजार वर्ष 2019-20 में कपास की साप्ताहिक निर्यात बिक्री 3,29,100 रनिंग बेल हुई है।
ग्वारसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों को 4,315 रुपये के स्तर पर मजबूत सहारा रहने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (सितंबर) की कीमतें 8,400 रुपये से ऊपर बनी रह सकती हैं। हाल ही में अर्जेंटिना द्वारा फाइटो-सेनेटरी प्रोटोकॉल को मंजूरी देने के लिए भारत से कमोडिटी के आयात की अनुमति दिये जाने से कारोबारियों के बीच उत्साह है। अर्जेंटिना में तेल और गैस उद्योग को शेल तेल के कुओं की डिंलिंग के दौरान रेत के पानी की जगह ग्वारगम का इस्तेमाल किया जायेगा।
कैस्टरसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 5,630-5,700 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। कैस्टर के बुवाई क्षेत्रों में कमी के कारण कुल मिलाकर कीमतों में तेजी का रुझान है। कृषि मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार 1 अगस्त तक देश में कैस्टर का रकबा 1,10,500 हेक्टेयर था, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 26.4% कम है। गुजरात के प्रमुख बाजारों में, घरेलू स्टॉकिस्टों और तेल मिलों की ओर से अधिक माँग हो रही है। (शेयर मंथन, 16 अगस्त 2019)
ग्वारसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों को 4,315 रुपये के स्तर पर मजबूत सहारा रहने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (सितंबर) की कीमतें 8,400 रुपये से ऊपर बनी रह सकती हैं। हाल ही में अर्जेंटिना द्वारा फाइटो-सेनेटरी प्रोटोकॉल को मंजूरी देने के लिए भारत से कमोडिटी के आयात की अनुमति दिये जाने से कारोबारियों के बीच उत्साह है। अर्जेंटिना में तेल और गैस उद्योग को शेल तेल के कुओं की डिंलिंग के दौरान रेत के पानी की जगह ग्वारगम का इस्तेमाल किया जायेगा।
कैस्टरसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 5,630-5,700 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। कैस्टर के बुवाई क्षेत्रों में कमी के कारण कुल मिलाकर कीमतों में तेजी का रुझान है। कृषि मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार 1 अगस्त तक देश में कैस्टर का रकबा 1,10,500 हेक्टेयर था, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 26.4% कम है। गुजरात के प्रमुख बाजारों में, घरेलू स्टॉकिस्टों और तेल मिलों की ओर से अधिक माँग हो रही है। (शेयर मंथन, 16 अगस्त 2019)
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