कच्चे तेल की कीमतों में मिला-जुला रुझान रहने की संभावना है।
आज तेल की कीमतों में गिरावट हुई है, लेकिन शेयर बाजारों में तेजी और अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव कम होने की उम्मीद से गिरावट सीमित रही। धीमी होती विकास दर को तेज करने के लिए विश्व के प्रमुख देशों द्वारा कदम उठाये जाने से शेयर बाजारों में तेजी के कारण तेल की कीमतों को मदद मिल रही है। जर्मनी और चीन द्वारा वितीय खर्च बढ़ाये जाने की खबरों के बाद अधिक प्रोत्साहन की उम्मीद बढ़ गयी है।
चीन के केंद्रीय बैंक ने अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने और कंपनियों के लिए उधारी लागत कम करने के लिए ब्याज दरों में अहम सुधर का ऐलान किया।
कच्चे तेल की कीमतों के 3,980 रुपये पर सहारे के साथ 4,070 रुपये के स्तर पर पहुँच जाने की संभावना है। ओपेक की मासिक रिपोर्ट के अनुसार 2019 में विश्व स्तर पर तेल की माँग में वृद्धि 40,000 बैरल प्रति दिन की कमी के साथ 11 लाख बैरल प्रति दिन रहने का अनुमान है, जबकि 2020 रुपये में बाजार में तेल थोड़ा सरप्लस रह सकता है।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में रिकवरी हो सकती है और कीमतें 155 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 160 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं। (शेयर मंथन, 20 अगस्त 2019)
Add comment