हल्दी वायदा (सितंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 6,920-7,120 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
सोमवार को हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई। सभी बाजारों में फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमतों में 150-200 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की हल्दी की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। इरोद टर्मरिक मर्चेंट सेल्स यार्ड में फिंगर वेराइटी की हल्दी 5,749-7,600 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की हल्दी 5,222-7,089 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में बिक रही हैं। रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेराइटी की हल्दी 6,366-7,381 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की हल्दी 6,049-7,230 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में बिक रही हैं।
जीरा वायदा (सितंबर) की कीमतें के नरमी के रुझान के साथ 16,700-16,600 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। पर्याप्त बारिश के कारण सर्दियों की फसल का उत्पादन बेहतर होने के कारण सेंटीमेंट में नरमी है। भारतीय मौसम विभाग के आँकड़ों के अनुसार, मानसून शुरू होने के बाद से 14 अगस्त तक जीरे के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों सौराष्ट्र और कच्छ में 456.20 मिमी बारिश हुई है, जो 370 मिमी की सामान्य बारिश से 23% अधिक है।
धनिया वायदा (सितंबर) की कीमतों को 6,065 रुपये के नजदीक बाधा रहने की संभावना है। यूक्रेन, रूस और बुल्गारिया से आयात की रिपोर्ट ने कारोबारियों को शॉर्ट पोजिशन के लिए प्रेरित किया है। यह बताया गया है कि हाल के सप्ताहों में आयात बहुत बढ़ गया है और भारत में 650 डॉलर प्रति टन की दर से आयात हो रहा है। इसके अलावा अगले सीजन की बुवाई के लिए मौसम अभी बहुत अनुकूल है, जिससे कीमतों पर दबाव पड़ रहा है।
इलायची वायदा (सितंबर) में मुनाफा वसूली हो सकती है और कीमतों में 3,230 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। नयी आवक शुरू होने से कीमतों पर दबाव रहने की संभावना है। सुस्त खरीदारी और लगभग 50 टन की नयी आवक के कारण कीमतों में गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 20 अगस्त 2019)
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