3,620 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ सोयाबीन वायदा (सितंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना है।
सांगली जिले और उसके आस-पास, जहाँ सितम्बर-अक्टूबर में लगभग 1,00,000 टन सोयाबीन की फसल होती है, हाल ही में आयी बाढ़ के कारण फसल के पूरी तरह से नुकसान होने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरुप नयी फसल की आपूर्ति अक्टूबर के मध्य तक आने की उम्मीद है। इससे आने वाले हफ्तों में स्टॉकिस्टों और मिलों द्वारा सोयाबीन की अधिक खरीद की जायेगी।
सोया तेल वायदा (सितंबर) की कीमतों में 744 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। भारत ने व्यापार समझौते के तहत 10% की सीमा शुल्क की अतिरिक्त छूट पर पराग्वे से 30,000 टन कच्चा सोया तेल आयात करने की मंजूरी दी है।
सीपीओ वायदा (अगस्त) की कीमतों में 533 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। भारत के व्यापार मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने मलेशिया से रिफाइंड पॉम तेलों के आयात में उछाल, जिससे घरेलू उद्योग को नुकसान हो रहा है, की जाँच शुरू कर दी है। मलेशिन पॉम ऑयल बोर्ड के आँकड़ों के अनुसार 2019 की पहली छमाही में मलेशिया से रिफाइंड पॉम तेलों का भारत में आयात पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 727% बढ़ कर 15.7 लाख टन हुआ है।
सरसों वायदा (सितंबर) की कीमतों के 3,925-3,950 रुपये के दायरे में स्थिर रहने की संभावना है। मॉनसून के दौरान सरसों के तेल की माँग बढ़ने और सरसोंमील की लगातार माँग के कारण अल्पावधि में कीमतों को मदद मिलेगी। सरसोंमील की अधिक निर्यात माँग को देखते हुए तेल मिलें आगामी दिनों में सरसों की पेराई शुरू कर सकती हैं। (शेयर मंथन, 20 अगस्त 2019)
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