कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 19,725-19,900 रुपये के दायरे में स्थिर रहने की संभावना है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है।
बाजार वर्ष 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में भारत में कपास उत्पादन 3.68 करोड़ बेल होने का अनुमान है, जो मौजूदा वर्ष के उत्पादन 3.2 करोड़ बेल के बाजार अनुमान से लगभग 12-15% अधिक होगा। इस साल कारोबारियों को काफी उम्मीदें हैं क्योंकि अभी तक फसल की स्थिति अच्छी है, कीटों के संक्रमण की कोई खबर नहीं है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कॉटन में सीमित दायरे में कारोबार तब तक जारी रह सकता है, जब तक लगभग दो महीनों में पहली बार आमने-सामने की वार्ता कर रहे अमेरिकी और चीनी व्यापार वार्ताकारों के बीच वार्ता के परिणामों को लेकर कोई स्पष्टता नहीं आती है। वार्ता में कृषि पर बहुत ध्यान केंद्रित किया जाता है, जिसमें अमेरिका की यह माँग भी शामिल है कि चीन अमेरिकी कृषि वस्तुओं की खरीद में काफी वृद्धि करे।
चना वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 4,020-4,080 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। मध्य प्रदेश में भारी बारिश के कारण खड़ी फसलों को नुकसान की खबरों से बाजार के सेंटीमेंट को मदद मिली है। ऐसी खबर है कि हाल के हफ्तों में भारत में मानसूनी बारिश लगातार तीसरे हफ्ते औसत से अधिक हुई है, जिससे देश के मध्य भाग के कई जिलों में बाढ़ आ गई और फसलों को, प्रमुख रुप से दालों को, नुकसान पहुँचा है।
कैस्टरसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 6,000 रुपये के स्तर के पास अड़चन के साथ गिरावट हो सकती है। मौजूदा चालू खरीफ सीजन के दौरान गुजरात में कैस्टर फसल की बुआई में 20.15% की उछाल दर्ज की गयी है। यह मोटे तौर पर इस वर्ष राज्य में बहुत अच्छे मॉनसून और किसानों को मिलने वाले बेहतर मूल्य के कारण हुआ है। (शेयर मंथन, 23 सितंबर 2019)
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कॉटन में सीमित दायरे में कारोबार तब तक जारी रह सकता है, जब तक लगभग दो महीनों में पहली बार आमने-सामने की वार्ता कर रहे अमेरिकी और चीनी व्यापार वार्ताकारों के बीच वार्ता के परिणामों को लेकर कोई स्पष्टता नहीं आती है। वार्ता में कृषि पर बहुत ध्यान केंद्रित किया जाता है, जिसमें अमेरिका की यह माँग भी शामिल है कि चीन अमेरिकी कृषि वस्तुओं की खरीद में काफी वृद्धि करे।
चना वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 4,020-4,080 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। मध्य प्रदेश में भारी बारिश के कारण खड़ी फसलों को नुकसान की खबरों से बाजार के सेंटीमेंट को मदद मिली है। ऐसी खबर है कि हाल के हफ्तों में भारत में मानसूनी बारिश लगातार तीसरे हफ्ते औसत से अधिक हुई है, जिससे देश के मध्य भाग के कई जिलों में बाढ़ आ गई और फसलों को, प्रमुख रुप से दालों को, नुकसान पहुँचा है।
कैस्टरसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 6,000 रुपये के स्तर के पास अड़चन के साथ गिरावट हो सकती है। मौजूदा चालू खरीफ सीजन के दौरान गुजरात में कैस्टर फसल की बुआई में 20.15% की उछाल दर्ज की गयी है। यह मोटे तौर पर इस वर्ष राज्य में बहुत अच्छे मॉनसून और किसानों को मिलने वाले बेहतर मूल्य के कारण हुआ है। (शेयर मंथन, 23 सितंबर 2019)
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