सोयाबीन वायदा (नवंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 3,750-3,815 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
इस वर्ष लगातार बारिश के कारण सोयाबीन का उत्पादन पिछले वर्ष के अंतिम अनुमान की तुलना में 19.391 लाख टन (-17.7%) की कमी के साथ 89.941 लाख टन होने के अनुमान के कारण कीमतों में तेजी का रुझान जारी रह सकता है। वर्ष 2019 में सोयाबीन की औसत उत्पादकता 2018 के 1,009 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की तुलना में 836 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान है। अभी तक बाजार की नजर मौजूदा खरीफ सीजन में सोयाबीन की आवक पर टिकी हुई है।
सीबोट में अमेरिकी सोयाबीन वायदा (नवंबर) की कीमतें 9.18 डॉलर प्रति बुशल से ऊपर कारोबार कर रही हैं। अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार किसानों ने 62% सोयाबीन फसल की कटाई कर ली है, जो वर्ष के मौजूदा समय के औसत 78% से कम है।
सरसों वायदा (नवंबर) की कीमतों के तेजी के रूझान के साथ 4,280-4,330 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। जाड़े के दिनों की माँग को पूरा करने के लिए मिलों की ओर से माँग और सीमित माँग के कारण सेंटीमेंट में बढ़ोतरी हो सकती है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 225 रुपये बढ़ा कर 4,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।
सीपीओ वायदा (नवंबर) की कीमतों में 595 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है, जबकि रिफाइंड सोया तेल वायदा (नवंबर) की कीमतों के 773-775 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। भारत खाद्य तेलों के लिए आयात पर से निर्भरता कम करने और घरेलू रिफाइंड मिलों को बढ़ावा देने के लिए रिफाइंड तेलों के आयात पर शुल्क में बढ़ोतरी करने के लिए विचार कर रहा है। इस बीच मलेशियन पॉम ऑयल की जनवरी डिलीवरी की कीमतें 3.4% की बढ़ोतरी के साथ 2,498 रिंगिट (मलेशियन मुद्रा) पर बंद हुई है। (शेयर मंथन, 31 अक्टूबर 2019)
Add comment