कॉटन वायदा (नवंबर) की कीमतों के 19,270-19,490 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
पूरे देश में कपास के कारोबारी कपास के उत्पादन और आगामी महीनों में कीमतों में बदलाव को लेकर उहापोह में हैं। आगामी दिनों में आवक में बढ़ोतरी होने की संभावना है। कपास का वास्तविक उत्पादन अनुमान 10-15 नवंबर के आस-पास प्राप्त होगा। कारोबारी मौजूदा सीजन में कपास का उत्पादन 330 लाख बेल से 370 लाख बेल के बीच होने का अनुमान लगा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार आईसीई में कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 1% की बढ़ोतरी हुई है। उत्पादन क्षेत्रों में खराब मौसम के कारण फसल को नुकसान होने की आशंका से कीमतों को मदद मिली है, जबकि निवेशक अमेरिका-चीन के बीच व्यापार करार को लेकर विवरणों का इंतजार कर रहे हैं। अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार किसानों ने 46% कपास फसल की कटाई कर ली है, जो वर्ष के मौजूदा समय के औसत 43% से अधिक है।
त्योहारों की खरीदारी के कारण हाल ही में चना वायदा (नवंबर) की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है और कीमतें 4,370 रुपये तक लुढ़क सकती है। मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में चना की बुआई शुरू हो गयी है।
मेंथा तेल वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 1,190 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। जाड़े के दिनों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के लिए फार्मा कंपनियों की ओर से खरीदारी के कारण निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है। एमसीएक्स से मान्यता प्राप्त गोदामों में मेंथा तेल का स्टॉक पिछले सप्ताह के अंत में 3,47,950.75 किलोग्राम पर था, जो इसके पिछले सप्ताह की तुलना में 30,241.544 किलोग्राम कम था। (शेयर मंथन, 31 अक्टूबर 2019)
त्योहारों की खरीदारी के कारण हाल ही में चना वायदा (नवंबर) की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है और कीमतें 4,370 रुपये तक लुढ़क सकती है। मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में चना की बुआई शुरू हो गयी है।
मेंथा तेल वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 1,190 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। जाड़े के दिनों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के लिए फार्मा कंपनियों की ओर से खरीदारी के कारण निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है। एमसीएक्स से मान्यता प्राप्त गोदामों में मेंथा तेल का स्टॉक पिछले सप्ताह के अंत में 3,47,950.75 किलोग्राम पर था, जो इसके पिछले सप्ताह की तुलना में 30,241.544 किलोग्राम कम था। (शेयर मंथन, 31 अक्टूबर 2019)
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