मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में फसल को लेकर चिंता के कारण सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतें साढ़े तीन वर्षों के उच्च स्तर के नजदीक कारोबार कर रही हैं।
आगामी दिनों में कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 4,100 रुपये के स्तर पर पहुँच जाने की संभावना है। उत्पादन क्षेत्रों से कम आपूर्ति के बीच स्थानीय पेराई यूनिटों की ओर से अधिक माँग के कारण हाजिर बाजारों में सोयाबीन की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। सोया तेल और सोयामील की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी से भी सोयाबीन की कीमतों को मदद मिल रही है।
सीबोट में अमेरिका सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 9.10-9.40 डॉलर प्रति बुशल के दायरे में कारोबार की संभावना है। कारोबारियों को अमेरिका-चीन के बीच व्यापार युद्ध के समाधान को लेकर उम्मीद है। नवंबर में व्यापार करार के लागू हो जाने से अगले वर्ष में सोयाबीन निर्यात के स्वरूप में बदलाव आ सकता है।
पेराई मिलों की ओर से कमजोर माँग के कारण सरसों वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 4,280 के स्तर पर रुकावट के साथ 4,220-4,210 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है। सरसों ऑयल प्रोडयूसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आँकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में भारत में मिलों द्वारा सरसों की पेराई 16.7% घट कर 5,00,000 टन रह गयी। दूसरे, अक्टूबर में प्रोसेसरों, स्टॉकिस्टों और सरकारी एजेंसियों के पास सरसों का कुल भंडार 14 लाख टन था, जबकि किसानों के पास 13 लाख टन था।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा कृषि मंत्रालय से ‘शून्य खाद्य तेल आयात’ योजना के लिए रोड मैप तैयार करने के लिए कहने की खबरों के बाद घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी का रुझान बना हुआ है।
सीपीओ वायदा (नवंबर) की कीमतों में 640-645 रुपये तक बढ़ोतरी की संभावना है, जबकि रिफाइंड सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 810-815 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 11 नवंबर 2019)
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