कॉटन वायदा (नवंबर) की कीमतों को 19,150 रुपये के नजदीक सहारे के साथ 19,380 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है।
कुल मिलाकर कीमतों के सीमित दायरे में रहने की संभावना है, क्योंकि कारोबारियों की नजर अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध, घरेलू बाजार में आवक, अमेरिकी फसल की प्रगति, निर्यात बिक्री के आँकड़ों के साथ-साथ डॉलर के मुकाबले रुपये के कारोबार जैसे कई कारकों पर है। गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के हाजिर बाजारों में सुस्त व्यापारिक गतिविधियों के कारण कीमतों में स्थिरता है, जबकि अधिक कीमतों और सीमित माँग के कारण मध्य प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में कीमतों में गिरावट हो रही है। इस सीजन में अब तक नयी फसल की कुल आवक 21,37,000 बेल हुई है, जो पिछले साल की समान अवधि के दौरान 3,755,000 बेल आवक से 43.09% कम है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आईसीई में कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 63-66 सेंट प्रति पाउंड के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। यूएस-चीन व्यापार मोर्चे से सकारात्मक खबरों से कपास की कीमतों को मदद मिलने की संभावना है। चीन के वाणिज्य मंत्री ने कहा है कि चीन और अमेरिका दोनों ही बिना किसी समय सीमा के चरणबद्ध तरीके से शुल्क हटाये जाने को लेकर सहमत हो गये हैं।
चना वायदा (दिसंबर) की कीमतें 4,555 रपये के स्तर के नजदीक बाधा के साथ 4,450-4,420 रुपये तक लुढ़क सकती है। पेराई के लिए तत्काल आवश्यकता के लिए सीमित खरीदारी के कारण कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। चना दाल और बेसन में माँग और बिक्री भी काफी कम है। नाफेड द्वारा अगले तीन महीने में राज्य भर में लगभग 10 लाख टन दाल बेचे जाने की योजना से भी कीमतों पर दबाव है।
मेंथा ऑयल वायदा (नवंबर) की कीमतें 1,290 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं। पिछले पाँच हफ्तों से एमसीएक्स से मान्यता प्राप्त गोदामों में कम होते स्टॉक के कारण मेंथा वायदा की कीमतों को मदद मिल सकती है। (शेयर मंथन, 11 नवंबर 2019)
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आईसीई में कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 63-66 सेंट प्रति पाउंड के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। यूएस-चीन व्यापार मोर्चे से सकारात्मक खबरों से कपास की कीमतों को मदद मिलने की संभावना है। चीन के वाणिज्य मंत्री ने कहा है कि चीन और अमेरिका दोनों ही बिना किसी समय सीमा के चरणबद्ध तरीके से शुल्क हटाये जाने को लेकर सहमत हो गये हैं।
चना वायदा (दिसंबर) की कीमतें 4,555 रपये के स्तर के नजदीक बाधा के साथ 4,450-4,420 रुपये तक लुढ़क सकती है। पेराई के लिए तत्काल आवश्यकता के लिए सीमित खरीदारी के कारण कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। चना दाल और बेसन में माँग और बिक्री भी काफी कम है। नाफेड द्वारा अगले तीन महीने में राज्य भर में लगभग 10 लाख टन दाल बेचे जाने की योजना से भी कीमतों पर दबाव है।
मेंथा ऑयल वायदा (नवंबर) की कीमतें 1,290 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं। पिछले पाँच हफ्तों से एमसीएक्स से मान्यता प्राप्त गोदामों में कम होते स्टॉक के कारण मेंथा वायदा की कीमतों को मदद मिल सकती है। (शेयर मंथन, 11 नवंबर 2019)
Add comment