हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 6,350 रुपये से नीचे ही रहने की संभावना है और कीमतें नरमी के रुझान के साथ 6,050 रुपये तक लुढ़क सकती हैं।
कारोबारी सूत्रों के अनुसार बाजारों में माँग काफी कम है और जबकि बाजार में आ रही हल्दी की क्वालिटी काफी खराब है। इरोद हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में फिंगर वेराइटी की कीमतें 5,700-7,269 रुपये और रूट वेराइटी की कीमतें 5,389-6,559 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में हैं।
जीरा वायदा (दिसंबर) की कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है और कीमतें 16,200 रुपये के सहारा स्तर से नीचे टूटकर 16,000 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। कारोबारियों के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में मौसम की प्रतिकूल स्थितियों के कारण जीरे की बुआई में 10-15 दिनों की देरी होने से संभावना है, लेकिन उत्पादन में कमी होने की संभावना नहीं है। इसके विपरीत इस वर्ष उत्पादकता अधिक हो सकती है।
धनिया वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 6,630 रुपये के नजदीक सहारा स्तर के साथ 7,000-7,100 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में मौसम की प्रतिकूल स्थितियों के कारण धनिया की बुआई में 10-15 दिनों की देरी होने से संभावना है।
ऑक्सन केन्द्रों पर मांग के अभाव के कारण इलायची वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 2,300-2,250 रुपये तक गिरावट हो सकती है। कारोबारियों के अनुसार उत्तर भारत की माँग को पूरा करने वाले कारोबारी ताबड़तोड़ खरीदारी नहीं कर रहे हैं। ऑक्सन केन्द्रों पर कई तरह की गुणवत्ता वाली इलायची की बिक्री से भी कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। कमजोर रुझान से लग रहा था कि प्लांटरों को आरामदायक आमदनी प्राप्त करने के लिए अधिक स्टॉक जारी करना होगा। ऐसी खबर है कि पुट्टीड के मसाले पार्क में आयोजित ऑक्सन में इलायची की औसत कीमतें गिरावट के साथ 2,707 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही हैं। (शेयर मंथन, 11 नवंबर 2019)
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