सोयाबीन वायदा (दिसंबर) में 4,200-4,250 रुपये के पास निचले स्तर की खरीदारी देखी जा सकती है, जिससे कीमतों में तेजी बरकरार रहेगी।
अमेरिका और अर्जेंटीना के सोयामील की तुलना में भारतीय सोयामील सस्ता होने से वैश्विक स्तर पर आयातकों की ओर से अधिक माँग हो रही है। इस कारण प्लांटों की ओर से सोयाबीन की ताबड़तोड़ खरीदारी हुई है और कीमतों को मदद मिली है। भारतीय सोयामील के निर्यात के अवसरों को बढ़ाने के लिए प्लांटों की ओर से खरीदारी जारी रहेगी। दक्षिण अमेरिका में शुष्क मौसम और चीन की ओर से मजबूत माँग के कारण वैश्विक तिलहन बाजार को मदद मिल रहा है। हाल ही में हुई बारिश ने ब्राजील और अर्जेंटीना में मौसम सूखेपन को कम किया है और विशेष रूप से सोयाबीन की वैश्विक आपूर्ति को बेहतर किया है। पिछले दो सप्ताह से आरएम सीड वायदा (दिसंबर) को 6,260 रुपये के पास अड़चन का सामना करना पड़ रहा है और इसलिए बढ़त पर रोक लगे रहने की संभावना है। ऐसी खबर है कि राजस्थान में सरसों की बुवाई लक्षित क्षेत्र के 80% क्षेत्र में समाप्त हो गयी है, और अब तक बुवाई पिछले साल के 20.04 लाख हेक्टेयर की तुलना में 1.50 लाख हेक्टेयर से अधिक हुई है।
सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 935-945 रुपये तक तेजी जारी रखने की उम्मीद है, जबकि सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 1,085-1,095 रुपये तक बढ़त जारी रहने की संभावना है। मलेशिया के मौसम विभाग द्वारा देश भर में भारी बारिश, तूफान और तेज हवाओं के पूर्वानुमान के बाद दिसंबर के अंत तक पॉम ऑयल की आपूर्ति में कमी को लेकर चिंता बढ़ गयी है। दूसरे, ईआईए के आधिकारिक आँकड़ों से पता चला कि अमेरिका में बायोडीजल उत्पादन अगस्त में कोविड-पूर्व के लॉकडाउन स्तर पर वापस आ गया, साथ ही वैकल्पिक खाद्य तेलों की सीमित उपलब्धता के कारण सोयातेल की माँग में इस वर्ष के दौरान 8% की वृद्धि हुई है। (शेयर मंथन, 23 नवंबर 2020)
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