सोयाबीन वायदा (दिसंबर) में 4,430 रुपये के पास निचले स्तर की खरीदारी देखी जा सकती है, जिससे कीमतों में तेजी बरकरार रहेगी।
अमेरिका और अर्जेंटीना के सोयामील की तुलना में भारतीय सोयामील सस्ता होने से वैश्विक स्तर पर आयातकों की ओर से अधिक माँग हो रही है। इस कारण प्लांटों की ओर से सोयाबीन की ताबड़तोड़ खरीदारी हुई है और कीमतों को मदद मिली है। भारतीय सोयामील के निर्यात के अवसरों को बढ़ाने के लिए प्लांटों की ओर से खरीदारी जारी रहेगी। दक्षिण अमेरिका में शुष्क मौसम और चीन की ओर से मजबूत माँग के कारण सीबोट में सोयाबीन की कीमतें साढे चार वर्षो के उच्च स्तर पर 12 डॉलर प्रति बुशल के स्तर पर पहुँच गयी है।
आरएम सीड वायदा (दिसंबर) को 6180 के पास बाधा का सामना करना पड़ रहा है और कीमतों में 6,100 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। जयपुर सहित सभी हाजिर बाजारों में सरसों, सरसों तेल और सरसों केक की कीमतों में गिरावट हुई है। वायदा कीमतों में 40 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है। जयपुर में सरसों की कीमतें 25 रुपये की गिरावट के साथ 6,325-6,330 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी है। व्यापारियों के अनुसार, खरीदार मौजूदा दरों पर नयी खरीद करने में संकोच कर रहे थे। मिलें भी पीछे हट गयी हैं क्योंकि तेल की कीमतों से सरसों की कीमतों को मदद नही मिल रही है।
सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 905-925 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है, जबकि सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 1,060-1,080 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। मलेशिया के मौसम विभाग द्वारा देश भर में भारी बारिश, तूफान और तेज हवाओं के पूर्वानुमान के बाद दिसंबर के अंत तक पॉम ऑयल की आपूर्ति में कमी को लेकर चिंता बढ़ गयी है। दूसरे, अपने बायोडीजल प्रोग्राम की फंडिंग के लिए निर्यात शुल्क को 120 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 160 डॉलर प्रति टन कर दिये जाने के बाद इंडोनेशिया से मलेशिया तक दुर्लभ शिपमेंट की बातचीत से बाजार में तेजी आ रही है। (शेयर मंथन, 24 नवंबर 2020)
Add comment