हल्दी वायदा (दिसंबर की कीमतों के 5,480-5,560 रुपये के कम दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
निजामाबाद और वारंगल मंडियों में हाजिर कीमतें स्थिर हैं, जबकि अन्य मंडियों में भी पर्याप्त कैरीओवर स्टॉक के कारण कीमतें एक दायरे में है। इस सीजन में हल्दी का उत्पादन 60-90 लाख बैग (60 किलोग्राम का एक बैग) होने की संभावना है और इसके अलावा 45 लाख बैग ओवर स्टॉक भी रहने का अनुमान है।
जीरा वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 13,650 रुपये के पास सहारा के साथ 13,850 रुपये के स्तर तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। बाजार का प्रारंभिक अनुमान है कि मौजूदा रबी सीजन 2020-21 (अक्टूबर- सितंबर) में जीरा का उत्पादन 25% कम होने की संभावना है क्योंकि जीरे की फसल से कम आमदनी ने किसानों को चनास सरसों और इसबगोल जैसे अन्य लाभकारी विकल्पों की खेती करने के लिए प्रेरित किया है। कारोबारियों को उम्मीद है कि जीरे का उत्पादन पिछले वर्ष में 8.0-8.5 मिलियन बैग की तुलना में 6.0-6.5 मिलियन बैग (1 बैग=55 किलोग्राम) हो सकता है। गुजरात राज्य के आँकड़ों के अनुसार किसानों ने 30 नवंबर तक सामान्य लगभग 40,6,141 हेक्टेयर (पिछले तीन साल के औसत) के मुकाबले 302,637 हेक्टेयर में जीरे की खेती की है। राजस्थान में उत्पादन, क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में 5% की कमी हो सकती है। राज्य सरकार को इस सीजन के अंतिम उत्पादन क्षेत्र के आँकड़ें जारी किये जायेंगे।
धनिया वायदा की कीमतें 4 महीने के निचले स्तर पर 6,094 रुपये के प्रति क्विंटल के आसपास कारोबार कर रही है और आगे भी मंदी का रुझान जारी रहने की संभावना है कीमतें 6,000 रुपये के स्तर पर तक नीचे जा सकती है। इस सीजन में किसनों ने बेहतर आमदनी की उम्मीद से बड़े पैमाने पर धनिया की खेती की है। गुजरात के राज्य कृषि विभाग के आँकड़ों के अनुसार, 30 नवंबर तक धनिया की खेती 93,000 हेक्टेयर में की गयी है, जो पिछले साल की तुलना में 22,069 हेक्टेयर अधिक है और यह सामान्य क्षेत्र की 62,641 हेक्टेयर (पिछले तीन साल की औसत) से अधिक है। (शेयर मंथन, 2020)
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