अंतरराष्ट्रीय बाजारों से सकारात्मक संकेत लेते हुये राष्ट्रीय एक्सचेंज में सोयाबीन वायदा की कीमतों में अभी भी 4,700 रुपये तक बढ़ने की अधिक गुंजाइश है।
दक्षिण अमेरिका में सूखे के कारण फसल नुकसान होने की चिंता और विश्व स्तर पर कम आपूर्ति के कारण अमेरिकी सोयाबीन वायदा की कीमतें साढ़े छह वर्ष के उच्च स्तर पर कारोबार कर रही है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अगले दो सप्ताह में अर्जेंटीना और दक्षिणी ब्राजील में गर्म और मोटे तौर पर शुष्क मौसम की उम्मीद है। दक्षिण अमेरिकी प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में मौसम के शुष्क शुरुआत के बाद दबाव वाला मौसम आता है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोयाबीन की अधिक कीमतों और पशुआहार के लिए अधिक माँग के कारण चीन में सोयामील वायदा की कीमतें 2020 के अंतिम दिन रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी हैं।
सोया वायदा (जनवरी) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 1,225-1,250 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है, जबकि सीपीओ वायदा (जनवरी) की कीमतें 990-1,000 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। जैव ईंधन के आदेश के बाद इसके उत्पादन के लिए सोयाबीन तेल का उपयोग अधिक होने की उम्मीद है। आईईए के अनुसार 2025 तक परिवहन के लिए जैव ईंधन का उत्पादन 186.1 बिलियन लीटर या 3.21 मिलियन बैरल प्रति दिन होने का अनुमान है, जो 2019 के स्तर से 14% की वृद्धि है।
आरएम सीड वायदा (जनवरी) की कीमतें 5,800 रुपये के पास सहारा लेते हुये संभवतः 6,200-6,400 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है। ऐसी खबर है कि उत्तर भारत में शीत लहर के कारण राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में सरसों की फसल को नुकसान पहुँचा है। तिलहनी फसल राजस्थान के कोटा, अलवर, भरतपुर और सीकर जिलों और मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में प्रभावित हुई है। सरसों की शुरुआती फसल में भारी नुकसान की सूचना है जबकि क्षतिग्रस्त पफसल में सरसों के दाने विकसित हो रही हैं। इसके अतिरिक्त, मिलें और प्रोसेसर अपनी जरूरत के लिए नियमित रूप से तिलहन खरीद रहे हैं जबकि सरसों का स्टॉक घट रहा है। (शेयर मंथन, 05 जनवरी 2021)
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