हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 8,100-8,350 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। अधिक कीमतों पर माँग कम होने के कारण इस सप्ताह लगातार दूसरे सत्र में कल हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमतों में मिला-जुला रुझान रहा है।
निजामाबाद मंडी में हल्दी की सभी किस्में स्थिर थी, डीपी फिंगर को छोड़कर जिसकी कीमतें 30,000 बैग के मुकाबले 20,000 बैग की आवक के कारण 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई।
जीरा वायदा (अप्रैल) की कीमतें 15,000-15,100 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है। हाजिर बाजार की राय है कि कम उत्पादन की उम्मीद से कीमतों को मदद मिल सकती है। फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइस स्टेकहोल्डर्स के सर्वेक्षण के मुताबिक, 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में भारत में जीरा का उत्पादन 11% घटकर 478,5 20 टन (अक्टूबर-सितंबर) होने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गुणवत्ता की आपूर्ति में कमी तेजी का एक अहम कारक है और सीरिया में फसल की बुवाई अभी बाकी है। इसलिए संभावनायें अधिक हैं कि, भारत इस सीजन से अधिक निर्यात कर सकता है। राजस्थान की मंडियों में मसाला निर्माताओं और मसाला ब्रांडों के साथ स्थानीय खरीदार सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
कोटा, बारान और बूंदी की मंडियो धनिया की हाजिर कीमतों में तेजी है। खाड़ी देशों से भी निर्यात माँग तेज हो रही है। 8% की नमी वाली नयी धनिया बाजारों में अपनी जगह बना रही है और माँग भी अधिक है। रामगंज में धनिया की बादामी गुणवत्ता की कीमतें 5,200-5,320 रुपये के दायरे में रही, जबकि ईगल की कीमतों 5,700-5,830 रुपये प्रति क्विंटल रही। कोटा और बारान मंडी में नये धनिये की कीमतों 5,550 रुपये प्रति क्विंटल रही। (शेयर मंथन, 24 मार्च 2021)
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