सप्लाई के बाधित होने के कारण सोयाबीन वायदा (जुलाई) की कीमतों के तेजी के रुख के साथ 6,880-7,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
मॉनसून की धीमी प्रगति और प्रमाणित सोयाबीन बीजों की कम उपलब्धता देश में सोयाबीन के प्रमुख दो उत्पादकों मध्य प्रदेश और राजस्थान में तिलहन की खरीफ बुवाई को प्रभावित हो सकती है। हालाँकि मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में बुवाई शुरू हो गयी है, लेकिन कम बारिश के कारण कई जगहों पर बुवाई अभी बाकी है। सोयाबीन की बुवाई आमतौर पर जुलाई के पहले सप्ताह तक पूरी हो जाती है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में बुवाई को गति देने के लिए बारिश नहीं हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कारोबारी सतर्क हैं और 30 जून की यूएसडीए रिपोर्ट से पहले जोखिम कम करना चाहते हैं, जब उन्हें स्टॉक और एकड़ के लिए महत्वपूर्ण अपडेट मिलेंगे।
आरएम सीड वायदा (जुलाई) की कीमतों में तेजी दिख रही है और 6,850 रुपये के करीब सहारा के साथ 7,000-7,100 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती हैं। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने के साथ-साथ इस तिलहन की माँग बढ़ रही है और लोग अब तंदुरूस्त रहने के लिए उचित परीक्षण के साथ अच्छा सरसों तेल की खोज कर रहे हैं। इस सीजन में बीजों की कमी की खबरों के बीच घरेलू सोयाबीन की कीमतों में तेजी के रुख से भी काउंटर सकारात्मक संकेत ले रहा है।
सोया तेल वायदा (जुलाई) की कीमतों के 1,180-1,220 रुपये के दायरे में मजबूत होने की उम्मीद है, जबकि सीपीओ वायदा (जुलाई) की कीमतों के सकारात्मक रुझान के साथ 1,015-1,045 रुपये के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है। आयात शुल्क में कटौती का फैसला, घरेलू बाजार में सोयाबीन के कम उत्पादन की खबरों, विभिन्न राज्यों में रेस्तरां के साथ-साथ भोजनालयों को फिर से खोलने जैसे कारकों के कारण खाद्य तेल काउंटरों में तेजी का सेंटीमेंट रहने की उम्मीद है। (शेयर मंथन, 28 जून 2021)
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