कॉटन वायदा (जुलाई) की कीमतों में 23,500 रुपये के नजदीक सहारा के साथ तेजी का रुझान रहने की संभावना है। कारोबारी घरेलू और विदेशों में भी बुवाई की प्रगति को करीब से देख रहे हैं।
टेक्सास में मौसम की गड़बड़ी के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। घरेलू बाजार में, कम आवक और लॉकडाउन फिर से खुलने से कपड़ा मिलों की ओर से माँग बढ़ गयी है।
ग्वारसीड वायदा (जुलाई) की कीमतों को 4,000-3,950 रुपये के करीब सहारा मिलने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जुलाई) की कीमतों को 6,250-6,200 रुपये के आसपास सहारा मिलने और तेजी के रुख के साथ कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान समय में, अनुमान है कि प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बुवाई क्षेत्र पिछले वर्ष की तुलना में कम नहीं हो सकता है क्योंकि किसानों को दलहन और कपास की खेती की ओर रूख करते देखा गया है। अभी तक सारा ध्यान मॉनसून की प्रगति पर है, जो हरियाणा और राजस्थान सहित उत्तर भारत में धीमा हो गया है, जो भारत में ग्वारगम उत्पादन के प्रमुख क्षेत्र हैं। इस बीच, कच्चे तेल में तेजी का रुझान ग्वारगम की निर्यात बिक्री के लिए सकारात्मक है क्योंकि कमोडिटी का उपयोग तेल ड्रिलिंग और खनन उद्योग में किया जाता है।
मेंथा तेल वायदा (जुलाई) की कीमतों के 1,155 रुपये के पास रुकावट का सामना करने की उम्मीद है। ऐसा हाजिर बाजार में आवक बढ़ने के बीच बढ़ते बिकवाली दबाव के कारण हुआ है। पहले मूसलाधर बारिश से मेंथा की शुरूआती फसल खेतों में ही खराब हो रही थी, लेकिन जब से मौसम बेहतर हुआ तब से किसानों ने फसल की कटाई शुरू कर दी है। किसान दिन भर मेंथा की टंकियों पर फसल की पेराई करते दिख रहे है। अगर सूरज ऐसे ही चमकता है और मौसम सही रहता है तो यह फसल के लिए बहुत फायदेमंद होगा। (शेयर मंथन, 28 जून 2021)
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