हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों के 7,080-7,250 रुपये के दायरे में मजबूत होने की संभावना है।
स्थानीय उपभोक्ता केंद्रों और विदेशी बाजारों की ओर से मांग में गिरावट के कारण तेजी सीमित रह सकती है। सभी मंडियों में निर्यात माँग बहुत ही नगण्य है। निजामाबाद में, बल्ब किस्म की हल्दी 5,500-5,800 रुपये प्रति 100 किलोग्राम और फिंगर किस्म की हल्दी 6,100-6,400 रुपये में बेची गयी, जो दोनों शुक्रवार से 200 रुपये कम हैं। गुरुवार को 4,500 बैग की तुलना में आवक सोमवार को 4,000 बैग (1 बैग=65 किलोग्राम) आंकी गयी है।
स्थानीय और विदेशी बाजारों की ओर से कमजोर माँग और हाजिर बाजारों में संभावित आवक के दबाव के कारण जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों के 13,200 रुपये के सहारा स्तर से नीचे टूटने और 13,000 रुपये के स्तर तक लुढ़कने की संभावना है। अभी तक इस सीजन में कुल उत्पादन का 45-50 फीसदी ही बाजार में आया है। बेंचमार्क बाजार ऊँझा में, आवक 8,000 बैग (1 बैग=55 किलोग्राम) पर स्थिर है। एक्सचेंज क्वालिटी का जीरा 13,200-13,500 रुपये प्रति 100 किलो बिक रहा था।
हाजिर बाजार से कमजोर संकेतों और थोक खरीदारों की ओर से कमजोर माँग को देखते हुये धनिया वायदा (अगस्त) की कीमतों के 6,600 रुपये से नीचे ही रहने की संभावना है। दक्षिण के खरीदार राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की मंडियों से खरीदारी करने से परहेज कर रहे हैं। उच्च उत्पादन अनुमान से भी कीमतों पर असर पड़ रहा हैं। भारतीय मसाला बोर्ड इंडिया के आँकड़ों के अनुसार, 2020-21 (जुलाई-जून) सीजन में धनिया का उत्पादन 8,22,210 टन होने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष-दर-वर्ष 17.3% अधिक है। अच्छी क्वालिटी का ईगल व बादामी धनिया प्रति क्विंटल 70 रुपये के अधिक भाव से बिका। गुजरात की राजकोट मंडी में आवक प्रभावित हुई क्योंकि किसान बुवाई में व्यस्त थे। (शेयर मंथन, 13 जुलाई 2021)
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