कॉटन वायदा (जुलाई) की कीमतों के 25,000-25,400 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है।
मौजूदा सीजन से सितंबर तक भारत में कपास का अंतिम स्टॉक 75 लाख बेल (170 किलोग्राम प्रत्येक) से कम हो सकता है क्योंकि घरेलू माँग में तेजी आयी है। लेकिन कुछ अनुमानों के अनुसार पिछले सीजन के रिकॉर्ड 120 से अधिक लाख गांठों के मुकाबले 100 लाख गांठ से अधिक रह सकता हैं। कपास का अंतिम स्टॉक 70-80 लाख गांठ हो सकता है लेकिन वे निश्चित रूप से पिछले साल की तरह अधिक नहीं होगा। अमेरिकी संघीय मासिक रिपोर्ट के अनुसार बाजार वर्ष 2021-22 में दुनिया भर में अंतिम स्टॉक अनुमान कम रहने के बाद आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतें कल उच्च स्तर पर पहुँच गयी। अपनी विश्व कृषि आपूर्ति और माँग अनुमान रिपोर्ट में, अमेरिकी कृषि विभाग ने पिछले महीने की तुलना में अधिक अमेरिकी उत्पादन, निर्यात और अंतिम स्टॉक का अनुमान लगाया, जबकि 2021-22 में विश्व स्तर पर अंतिम स्टॉक कम होकर 1.6 मिलियन गांठ रहने का अनुमान लगाया गया है। कॉटन दिसंबर की कीमतें 0.15 प्रतिशत या 0.17% बढ़कर 87.86 सेंट प्रति पाउंड हो गयी।
ग्वारसीड वायदा (अगस्त) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 4,050-4,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (अगस्त) की कीमतों के 6,250-6,350 रुपये के दायरे में बने रहने की संभावना है। पिछले महीने से कमजोर माँग के बीच ग्वारसीड और ग्वारगम की कीमतों पर दबाव दिख रहा है। इसके अलावा, अन्य फसलों की बुवाई में देरी के कारण मॉनसून की प्रगति किसानों को ग्वार की खेती करने के लिए मजबूर कर सकती है। आईएमडी के अनुसार,दक्षिण-पश्चिम मानसून के पश्चिम उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ और हिस्सों और दिल्ली में 10 जुलाई के आसपास आगे बढ़ने की संभावना है।
चना वायदा (अगस्त) की कीमतों में 4,770-4,700 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है। खबर है कि सरकार द्वारा दालों पर स्टॉक सीमा लगाने के विरोध में महाराष्ट्र की कई मार्केट कमेटियों के व्यापारियों ने दालों की खरीद-बिक्री बंद कर दी है। विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों में लातूर, अमरावती, अकोला, वाशिम, खामगाँव और अन्य प्रमुख बाजार समितियों में लेन-देन प्रभावित हुआ है क्योंकि व्यापारियों ने अनिश्चित काल के लिए कृषि वस्तुओं की खरीद बंद कर दी है। (शेयर मंथन, 13 जुलाई 2021)
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