हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतें पिछले सप्ताह के निचले स्तर 7,134 रुपये से बढ़कर 7,400 रुपये के स्तर पर पहुँच गयी हैं, जो ज्यादातर निचले स्तर पर खरीदारी और स्थानीय एवं निर्यात माँग में बढ़ोतरी की उम्मीद से हुई है।
इस सप्ताह में कीमतों के 7,700 रुपये के स्तर के स्तर पर पहुँचने की क्षमता है। पिछले तीन महीनों के दौरान कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद हल्दी की मौजूदा कीमतें पिछले साल की तुलना में 25% से अधिक हैं। वाणिज्य विभाग, भारत सरकार, के आँकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान सबसे अधिक 1.84 लाख टन हल्दी का निर्यात हुआ है। हल्दी का निर्यात मई, जून और जुलाई के महीनों में सबसे अधिक हुई है। कुछ राज्यों में लॉकडाउन में ढील के बाद पिछले हफ्ते इरोड और नांदेड़ मंडियों में हाजिर कीमतों में बढ़ोतरी होने लगी है।
किसानों के पास अधिक उपलब्धता और स्टॉकिस्टों की ओर से सामान्य माँग के कारण इस सप्ताह में जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों के 13,100 रुपये के स्तर तक गिरावट हो सकती है। कोविड की तिसरी संभावित लहर को लेकर लॉकडाउन की अनिश्चितता और होटल उद्योग से कम माँग के कारण इस साल कीमतें 7 साल के निचले स्तर पर कारोबार कर रही हैं। ऊँझा में, आवक घट रही है जबकि कीमतें कम होकर 13,200 रुपये प्रति 100 किलोग्राम हो गयी हैं।
धनिया वायदा (अगस्त) की कीमतें पिछले सप्ताह इस सीजन के सबसे निचले स्तर से बढ़ी हैं। कीमतों पर अभी भी दबाव है और हाजिर बाजार में सामान्य माँग और अच्छी आपूर्ति को देखते हुये कीमतों के 6,400-6,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है। वर्तमान में, थोक खरीदार और स्टॉकिस्ट अनिश्चित व्यावसायिक गतिविधियों के कारण खरीदारी से बच रहे हैं। मसाला बोर्ड द्वारा 2020-21 में उच्च उत्पादन अनुमान भी कीमतों को नियंत्राण में रख रहे हैं। लेकिन सरकारी आँकड़ों के अनुसार 2021 में पहले 4 महीनों के दौरान धनिया का निर्यात, पिछले साल इसी अवधि के निर्यात की तुलना में 41% बढ़कर 19,771 टन हुआ है। (शेयर मंथन, 28 जुलाई 2021)
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