कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतें 27,000 रुपये के स्तर को पार एक नयी ऊँचाई पर पहुँच सकती है।
कम स्टॉक और मिल मालिकों और उद्योगों की अच्छी माँग के बीच सीसीआई ने नीलामी में कपास की कीमत बढ़ा दी है। अब आने वाले सत्रों में इसके 27,500 रुपये के स्तर तक कारोबार करने की उम्मीद है। भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने मंगलवार को अपने बिक्री मूल्य में 100 रुपये प्रति कैंडी की बढ़ोतरी की। सीमित स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की खबरें हैं। नये सीजन की कपास की आवक अक्टूबर के महीने में ही होगी। वर्तमान में, अनियमित वर्षा वितरण के कारण पिछले वर्ष की तुलना में बुवाई का रकबा लगभग 10 लाख हेक्टेयर कम है, लेकिन पिछले 5 वर्षों (98 लाख हेक्टेयर) के औसत से अधिक है। कपास का क्षेत्र गुजरात में अधिक है लेकिन अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में कम है।
ग्वारसीड वायदा (अगस्त) की कीमतों के तेजी के रुख के साथ 4,500-4,550 रुपये के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है। राजस्थान भर में अनियमित वर्षा के कारण अप्रैल के बाद से कीमतें 4,000 रुपये के स्तर से ऊपर कारोबार कर रही है जो एक अच्छा सहारा है। पाँच साल के औसत 3.5 लाख हेक्टेयर की तुलना में 2.6 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के साथ राजस्थान में ग्वारगम की खेती का रकबा घट रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 में ग्वारगम के निर्यात में भी पिछले वर्ष की तुलना में 35% से अधिक की गिरावट हुई है।
चना वायदा (अगस्त) की कीमतों के 5,050 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। स्टॉक लिमिट ऑर्डर में बदलाव के बाद स्टॉकिस्ट की ओर से स्थिर माँग हो रही है। इसके अलावा, नेफेड विभिन्न राज्यों में खरीदे गये चना स्टॉक को समाप्त करने के लिए सक्रिय है। ऐसी भी उम्मीद है कि सरकार काबुली चना के आयात शुल्क में कुछ बदलावों की घोषणा कर सकती है और सफेद मटर के आयात पर प्रतिबंध हटा सकती है। औद्योगिक इस्तेमाल के लिए अधिक माँग के कारण कैस्टरसीड वायदा (अगस्त) की कीमतों के 5,700 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। पेंट उद्योग, बायो डीजल और ओलियो रसायनों में औद्योगिक माँग पिछले तीन महीनों में सामान्य 65,000 टन की तुलना में बढ़कर 75,000 टन हो गयी। (शेयर मंथन, 28 जुलाई 2021)
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