सोयाबीन वायदा (अगस्त) की कीमतें अब तक के उच्च स्तर 7,777 रुपये के करीब कारोबार कर रही है और कम क्षेत्रा में खेती के कारण कीमतों में 8,000-8,500 रुपये तक बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है।
तिलहन की किल्लत की खबरों के बीच बुवाई धीमी गति से शुरू होने से हाजिर बाजारों में सेंटीमेंट बेहतर हैं। 2021-22 (जुलाई-जून) खरीफ सीजन में, किसानों ने अब तक 8.21 मिलियन हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई की है, जो एक साल पहले की तुलना में 11% कम है।
आरएम सीड वायदा (अगस्त) की कीमतों में तेजी दिख रही है और कीमतों में 7,500-7,700 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है। सोयाबीन और खाद्य तेलों की कीमतों के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुँचने के सकारात्मक संकेतों से कीमतों को मदद मिल रही है। दूसरे, इस रबी तिलहन की कमी हो सकती है क्योंकि बाजार की रिपोर्ट के मुताबिक, 86 लाख टन की उपलब्धता में से सिर्फ 41.50 लाख टन सरसों ही शेष 8 महीने के लिए बचा है। कम आयात और धीरे-धीरे माँग बढ़ने के कारण खाद्य तेल की कीमतों में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। सोयाबीन में बुवाई का क्षेत्रफल जितना कम होगा, घरेलू बाजार में इसके तेल की उपलब्धता कम होगी। दूसरे, जुलाई की पहली छमाही में उच्च निर्यात और उत्पादन में सुस्त वृद्धि की उम्मीदों के कारण बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव में पॉम तेल की कीमतें 4 सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुँच गयी है। कीमतों के रुझान को निर्धारित करने के लिए निवेशक अब उत्पादन के आँकड़ों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन श्रम की कमी के कारण अधिकतम उत्पादन सीजन के बावजूद जुलाई में उत्पादन क्षमता से कम होने की उम्मीद है। संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में शुष्क मौसम के कारण सोयाबीन और कैनोला की पैदावार पर अंकुश लग रहा है। नोपा ने यह भी बताया कि सोया तेल का स्टॉक लगातार तीसरे महीने गिरकर 1.537 बिलियन पाउंड पर आ गया, जो कि अधिकांश व्यापार अनुमानों से कम है जिससे सीबोट पर सोया तेल वायदा की कीमतों को मदद मिला।
यह देखते हुये सोया तेल वायदा (अगस्त) की कीमतों के 1,400-1,430 रुपये के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है और सीपीओ वायदा की कीमतों में 1,120-1,140 रुपये के स्तर तक बढ़त जारी रह सकती है। (शेयर मंथन, 28 जुलाई 2021)
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