कारोबारियों की ओर से नयी खरीदारी के कारण सोयाबीन वायदा (नवंबर) की कीमतों में कल 3% से अधिक की बढ़ोतरी हुई। अब कीमतें 5,300 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 5,700 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं।
बेमौसम बारिश के कारण इस सीजन में आवक बाधित हुई है और नये सीजन सोयाबीन की गुणवत्ता खराब होने की संभावना है। नवंबर के पहले-दूसरे सप्ताह के आसपास सोयाबीन की आवक अधिकतम होने की संभावना है। यूएसडीए ने अपनी मासिक रिपोर्ट में, अमेरिकी उत्पादन पिछले महीने के 119 मिलियन टन से 1.79% बढ़कर 121 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है। सोपा के अनुसार, भारत का सोयाबीन उत्पादन पिछले साल के 104 लाख टन की तुलना में 118.9 लाख टन होने का अनुमान है। सरकार द्वारा खाद्य तेल के आयात शुल्क में उल्लेखनीय कटौती के साथ-साथ खाद्य तेल के एक महीने के सबसे अधिक आयात की रिपोर्ट पर पिछले सप्ताह खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट के बाद कल बढ़त दर्ज की गयी। एसईए द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, भारत ने इस साल सितंबर में रिकॉर्ड करीब 17 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात दर्ज किया है। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 66% अधिक है। एक अन्य घटनाक्रम के तहत, सरकार ने 2 मार्च, 2022 तक कच्चे और रिफाइंड पॉम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल दोनों पर मूल सीमा शुल्क घटा दिया। कमी के बाद, कच्चे पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल का आयात 8.25%-5.5% के अधीन होगा। जबकि पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल के रिफाइंड ग्रेड पर कुल मिलाकर 19.25% कर लगेगा।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (नवंबर) की कीमतों में 1,220 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 1,120-1,190 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 19 अक्टूबर 2021)
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